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वाह रे डॉक्टर! जिसे किया मृत घोषित, वह बाहर निकलते ही उठ बैठा - जिंदा व्यक्ति को बताया मरा हुआ

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक अस्पताल में डॉक्टरों ने जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था, वही अस्पताल से बाहर निकलने के बाद अचानक उठकर बैठ गया. क्या है यह पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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मिमहेन्स अस्पताल मेरठ.

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Published : May 24, 2021, 10:01 AM IST

मेरठ:एक ओर जहां कोरोना संकट में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी लगातार जारी है, वहीं सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही भी थमने का नाम नहीं ले रही है. रविवार को शहर के मिमहेन्स हॉस्पिटल की लापरवाही से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. आपसी झगड़े में घायल युवक को अस्पताल के डॉक्टरों ने जिंदा होने के बावजूद मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया.

परिजन युवक को अस्पताल से लेकर घर के लिए चल दिए. इसी बीच युवक अचानक उठ कर बैठ गया. युवक के अचानक उठने से सभी हैरान रह गए. आनन-फानन में युवक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. युवक के जिंदा होने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि जनपद हापुड़ के गांव अटसैनी में दो पक्षों में गुरुवार को हुए खूनी संघर्ष में शाहरुख नाम का युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देख उसे मेरठ के मिमहेन्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया. जानकारी के मुताबिक, शाहरुख को मिमहेन्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा था. तीन दिन बाद रविवार को अस्पताल स्टाफ ने युवक को मृत घोषित कर दिया, जिससे परिजनों में मातम पसर गया.

...और जिंदा हुआ मृत युवक

बेबस परिजन शाहरुख के शव को लेकर गांव की ओर चल दिए. अस्पताल से कुछ ही दूर निकले थे कि शाहरुख अचानक से उठकर बैठ गया. जिसके बाद परिजन हैरान रह गए और आनन-फानन में युवक को दोबारा नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया. अब शाहरुख की हालत में सुधार हो रहा है.

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परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया आरोप

परिजनों का आरोप है कि मिमहेन्स हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही से जिंदा शाहरुख को मृत घोषित किया गया है. डॉक्टरों ने कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से सही इलाज नहीं किया, जिससे परिजनों में मिमहेन्स हॉस्पिटल के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. परिजनों का कहना है कि यदि मृत घोषित हुआ शाहरुख उठकर नहीं बैठता तो गांव ले जाकर कब्रिस्तान में दफना दिया जाता.

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मिमहेन्स हॉस्पिटल की इस बड़ी लापरवाही से अनर्थ हो सकता था. परिजनों ने ऐसे लापरवाह डॉक्टरों एवं अस्पतालो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि युवक के जिंदा होने पर परिजनों ने राहत की सांस भी ली है. ईटीवी भारत ने जब इस बाबत मिमहेन्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात करनी चाहिए तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

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