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पीएम आवास योजना शहरी में हो रहा भ्रष्टाचार, आखिर जरूरतमंदों को कैसे मिलेगी पक्की छत

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर मेरठ में सैकड़ों लोग एक पक्की छत की उम्मीद में अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, इनकी उम्मीदों को लगातर झटका लग रहा है. आवेदकों का कहना है कि सर्वे के लिए जो साहब उनके यहां पहुंचते हैं उनका कहना है कि बिना सुविधा शुल्क के कुछ नहीं होगा.

पीएम आवास योजना
पीएम आवास योजना

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Published : Nov 14, 2022, 2:28 PM IST

मेरठःप्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना के आवेदकों को ठगे जाने की एक लंबी फेहरिस्त है. बीते एक साल में कई सारे आवेदकों ने ऐसे जिम्मेदारों के खिलाफ आवाज भी उठाई है. जो उनकी फाइलों को आगे बढ़ाने और सर्वे रिपोर्ट लगाने के नाम पर अवैध उगाही करते हैं. हालांकि, इनमें से कई ठगों पर कार्रवाई भी हुई हैं. लेकिन, जरूरतमंदों के लिए लाई गई यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है. पीएम आवास के लिए आधिकारियों और दफ्तरों के चक्कर काट रहे ऐसे ही कुछ आवेदकों से ईटीवी भारत ने बातचीत की है. देखें ये स्पेशल रिपोर्ट...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर मेरठ में सैंकड़ों लोग इस उम्मीद से अधिकारियों के हर दिन चक्कर लगाते हैं. ताकि, इस योजना के जरिए उन्हें एक पक्की छत मिल जाए. लेकिन, इनकी उम्मीदों को लगातर झटका लग रहा है. ईटीवी भारत को ऐसे ही कुछ पात्र आवेदकों ने बताया कि सर्वे के लिए जो साहब कभी उनके यहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि बिना सुविधा शुल्क के कुछ नहीं होगा. ऐसे लोग एक दो नहीं बल्कि ढेर सारे हैं.

पीएम आवास योजना शहरी में भ्रष्टाचार, देखें स्पेशल रिपोर्ट

इन आवेदकों ने बताया कि उनको पीएम आवास योजना के तहत जो रकम तीन टुकड़ों में मिलनी है. उसके लिए उनसे सौदेबाजी हुई है. लोगों का कहना है कि उन्हें भरोसा है कि बिना पैसे के साहेब लोग फाइलों को पास नहीं करेंगे. इसके साथ ही इन अधिकारियों के चक्कर पर चक्कर भी लगाने को मजबूर हैं.

इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारी से बातचीत की. जिन्होंने बताया कि समय-समय पर आवेदकों की शिकायत के आधार पर ऐसे लोगों को चिह्नित करके शिकंजा कसा गया है. उन्होंने बताया कि वो बार-बार ये अपील भी करते हैं कि इस योजना में किसी भी तरह की कोई भी धनराशि नहीं खर्च होती.

उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने करीब 25 सर्वेयर को आरोप लगने के बाद बाहर का रास्ता भी दिखाया. जिन पर आरोपों की पुष्टि हुई. हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि साहब के ऑफिस के किसी भी बड़े बाबू या छोटे बाबू पर कोई कार्रवाई कभी नहीं हुई. वहीं, इसी साल जिले के डूडा अधिकारी को भी भ्रष्टाचार के आरोपों में हटाया गया था.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शुभम और शमीम ने कहा कि पैसे भी चले गए. इसके बावजूद वह लोग सिर्फ चक्कर ही लगा रहे हैं. जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारी चन्द्रभान वर्मा का कहना है कि उनके पास लोग शिकायत लेकर आते हैं. समय समय पर जांच भी कराई जाती है और कार्रवाई भी की गई हैं.

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