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तितलियों संग गुजारना हो वक्त तो यहां की करें सैर, हस्तिनापुर है ठिकाना - Meerut latest news

मेरठ का हस्तिनापुर अभ्यारण्य (Hastinapur Sanctuary of Meerut) में वन्य जीव विहार सैंक्चुरी में भरपूर जैव विविधता है. जहां तितलियों के रंग बिरंगी 35 से 40 प्रजातियां पायी जाती हैं. यह स्थान तितलियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है.

हस्तिनापुर बना तितलियों का ठिकाना
हस्तिनापुर बना तितलियों का ठिकाना

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Published : Oct 25, 2022, 11:04 PM IST

मेरठः एक जिला-एक डेस्टीनेशन कार्यक्रम के तहत मेरठ में हस्तिनापुर सैंक्चुअरी (Hastinapur Sanctuary) को चुना गया है. जो इन दिनों वन्य जीव अभ्यारण्य का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जहां तितलियों के रंग बिरंगी 35 से 40 अलग अलग प्रजातियों की तितलियां इठलाती और उड़ान भरती रहती हैं. इन दिनों जैसे तीतिलियों का यह स्थान नया ठिकाना बन गया है. पर्यटन के इस क्षेत्र में तितलियों के बीच आकर आनंद उठाया जा सकता है. देखें यह खास रिपोर्ट.

. मेरठ का हस्तिनापुर सैंक्चुअरी में तितलियों के बारे में डीएफओ राजेश कुमार ने कही ये बातें..

गौरतलब है कि हस्तिनापुर अभयारण्‍य को हस्तिनापुर नेशनल पार्क (Hastinapur Sanctuary of Meerut) के नाम से भी जाना जाता है. प्रकृति के बेहतरीन नजारे यहां देखने को मिलते हैं. हस्तिनापुर अभ्यारण्य की स्‍थापना औपचारिक रूप से 1986 में की गई थी. इस स्थान पर कई प्रजातियों के पशुओं और जीवों का घर है. इसके साथ ही साथ विशेष प्रकार की वनस्‍पतियां भी यहां पाई जाती हैं.


जिले का हस्तिनापुर इन दिनों लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन हुआ है. यहां इन दिनों तितलियों को एक पेड़ से दूसरे पेड़ और एक डाली से दूसरी डाली पर मंडराते हुए देखा जा सकता है. डीएफओ राजेश कुमार बताते हैं कि हस्तिनापुर सैंक्चुअरी में तितलियों की करीब 35 से 40 प्रजातियां हैं. जो इन दिनों यहां आने वाले सैलानियों को लुभा रही हैं. उन्होंने बताया कि यहां सैंक्चुअरी में तितलियों को अच्छा वातावरण मिल रहा है. डीएफओ का कहना सीजनल तितलियां यहां हस्तिनापुर में देखी जा सकती हैं. इन तितलियों के रहने के लिए ये स्थान सुरक्षित है. यहां तितलियों के लिए उपयुक्त हैबिटेट भी मिल पा रहा है.


डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि इको टूरिज्म के जरिए पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा. प्रोफेसर डॉक्टर यशवंत राय काफी समय से तितलियों पर रिसर्च (research on butterflies) कर रहे हैं. वे कहते हैं कि ईको सिस्टम में तितलियों का बहुत ही बड़ा योगदान है. वे बताते हैं कि शोध में यह बात निकलकर आई है कि कई ऐसे प्लांट हस्तिनापुर सैंक्चुअरी में मिले हैं. जिनमें तितलियां ज्यादा पाई जाती हैं. वे बताते हैं कि जहां प्रदूषण होता है. वहां तितलियां जीवित नहीं रह पाती हैं. इस वजह से हस्तिनापुर सैंक्चुअरी अपने प्राकृतिक वातावरण की वजह से तितलियों का ठिकाना बन गया है.

बता दें कि देश में यूं तो करीब साढ़े 1300 से अधिक तितलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं, मेरठ के हस्तिानपुर सैंक्चुअरी में नियम्फलीडी 18, पीएरिडी 6, पेपिलयोनिडाई 5, लाईक निडाई 5 जैसी तितलियों की प्रजातियां पाई गई हैं. जो तितलियां हस्तिनापुर सैंक्चुअरी में मिली हैं. उनमें कॉमन लेपर्ड, कॉमन पाइव रिंग, प्लेन टाइगर, कॉमन टाइगर, कॉमन जजेबल, कॉमन पिररोट, कॉमन मॉरमॉन, सिल्वर ब्लू, लाइम बटर फ्लाई, मोनार्क बटरफ्लाई मुख्य हैं. आप हस्तिनापुर सैंक्चुअरी में तितलियों को उड़ान भरते देख सकते हैं.


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