मेरठ: आपने बथुआ के साग की खूबी के बारे में तो खूब सुना ही होगा. यह भी कि इसमें अनगिनत पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन अब यही बथुआ और भी उपयोगी होने जा रहा है, क्योंकि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में इस पर शोध के बाद फर्टिलाइजर विकसित किया गया है. आइए जानते हैं, क्या है शोध और कैसे खेतों की उर्वरक क्षमता को बढ़ाएगा बथुआ.
सुरक्षित होगी फसल, पैदावार भी बंपर
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग में खास शोध किया गया है. जिससे अब बथूआ के जरिए न सिर्फ फसल को सुरक्षित किया जा सकेगा बल्कि ग्रोथ भी मिलेगी. इस बारे में विश्वविद्यालय ने पेटेंट भी करा लिया है. यह शोध किया है वनस्पति विज्ञान विभाग की शोध छात्रा सादिया समर ने. दावा है कि फसलों पर लगने वालीं विभिन्न बीमारियों को इसके प्रयोग से दूर किया जा सकता है. साथ ही पैदावार भी बंपर होगी. बता दें कि बथुआ सर्दी सीजन में बेहद ही पसंद किया जाता है. यह जहां पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 2, बी 3, बी 5, विटामिन सी, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सोडियम पाया जाता है.
शोध ने बथुआ को और उपयोगी बनाया
इस बारे में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विजय मलिक कहते हैं, यूं तो बथुआ की खेती नहीं की जाती है, लेकिन सर्दी के सीजन में फसल के बीच में प्रायः यह उग जाता है. किसान इसका इस्तेमाल साग बनाने के लिए करते हैं. जबकि फसल को सुरक्षित करने के लिए इसे उखाड़कर फेंक भी दिया जाता है. वह बताते हैं कि विभाग की शोध छात्रा ने इस बथुए को अब औऱ भी उपयोगी बना दिया है.
सादिया ने ढाई साल तक किया शोध
इस बारे में विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान विभाग की रिसर्च स्कॉलर सादिया समर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बताया कि, बथुआ पर लगभग ढाई साल से शोध कर रही हैं. जिसक़े बाद उन्हें बथुआ से नैनो उर्वरक बनाने में बड़ी कामयाबी मिली है. बताया कि अपने गुरु वनस्पति विज्ञान विभाग के सीनियर प्रोफेसर अशोक कुमार के मार्गदर्शन में वह शोध कर रही हैं और उन्हीं के मार्गदर्शन में यह खोज की है. बताया कि बथुआ को अलग-अलग फॉर्म में लाकर उसमें से निकले अर्क में जिंक सल्फेट को घोलकर मिलाया गया. उसके बाद किए गए शोध के बाद उसे एक पाउडर के रूप में नैनो पार्टिकल में बदलकर फिर और कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा. इसके बाद खास फर्टिलाइजर तैयार करने में सफलता मिली है. सादिया बताती हैं कि इस खास फार्मूलेशन का पेटेंट भी हासिल कर लिया गया है.