मेरठ: कोरोना महामारी के बीच पश्चमी उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इससे आम जनता में दहशत का माहौल बना हुआ है. मेरठ जिले में चार नये मरीजों में ब्लैक फंगस मिलने के बाद मरीजों की संख्या 16 हो गई है. इनमें से 2 मरीजों की मौत हो चुकी है. रविवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक फंगस के 3 मामले आनंद नर्सिंग होम और एक आर्यव्रत अस्पताल में पुष्टि हुई है. इन मरीजों को मेडिकल कॉलेज में बनाये गए अलग वार्ड में शिफ्ट किया गया है.
सर्विलांस अधिकारी ने दी जानकारी
सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि जिले के सभी निजी अस्पतालों को ब्लैक फंगस मरीजों की जानकारी लेकर शासन को भेजी जा रही है, ताकि ऐसे मरीजों को समय पर उचित इलाज दिलाया जा सके. मेरठ के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 16 मरीज की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. आनंद नर्सिंग होम में भर्ती तीन मरीजों का ऑपरेशन करके फंगस वाले हिस्से को निकाला गया है. अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. पुनीत भार्गव के साथ डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. एनपी सिंह और डॉ. अजय गुप्ता की टीम ने सफल ऑपरेशन किया. इसके अलावा न्यूटिमा हॉस्पिटल में भी एक मरीज का ऑपरेशन किया गया है.
जानिए, क्यों हो रहा ब्लैक फंगस
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि ब्लैक फंगस ज्यादातर ऐसे लोगों को चपेट में ले रहा है, जिन्हें कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं. आवश्यकता से अधिक स्टेरॉयड दिए जाने से मरीज की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. जिन लोगों को डायबेटिक कंट्रोल नहीं हो पा रही, उन्हीं लोगों में ब्लैक फंगस मिल रहा है. यह फंगस आंख से शुरू होकर धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच जाता है.