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Sangeet Som appeared in court: मेरठ की कोर्ट में हाजिर हुए फायरब्रांड नेता संगीत सोम, जानिए क्या था मामला - मेरठ की कोर्ट में हाजिर हुए संगीत सोम

मेरठ की कोर्ट में गुरुवार को बीजेपी के फायरब्रांड नेता संगीत सोम हाजिर हुए. आखिर वह किस मामले में हाजिर हुए थे और कोर्ट ने इस मामले में क्या आदेश दिए चलिए जानते हैं.

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Sangeet Som latest News: मेरठ की कोर्ट में हाजिर हुए फायरब्रांड नेता संगीत सोम, जानिए क्या था मामला

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Published : Jan 12, 2023, 8:35 PM IST

मेरठः शहर में गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पूर्व विधायक व बीजेपी नेता संगीत सोम और सपा नेता व पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने वारंट रिकॉल कराए. दोनों ही पूर्व विधायकों पर धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में वाद दर्ज किए गए थे. इसमें दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए थे.

बीजेपी के फायरब्रांड नेता और पूर्व विधायक संगीत सोम गुरुवार को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए और अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर रिकॉल कराया. सपा के नेता और पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने भी गुरुवार को वारंट रिकाल कराए.

योगेश वर्मा.
मेरठ के ज्वाइंट डायरेक्टर अभियोजन आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि एमपी एमएलए की सीजेएम कोर्ट में दो पूर्व विधायकों के वारंट रिकॉल किए गए. इनमें संगीत सोम और हस्तिनापुर से पूर्व विधायक योगेश वर्मा शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम और हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा के खिलाफ काफी समय से एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था.उन्होंने बताया कि 2017 में रोड शो निकालकर आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में सरधना थाने में संगीत सोम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उस दौरान धारा 144 का उल्लंघन हुआ था. इस मामलें में NBW रिकॉल कराया गया. दूसरा प्रकरण भी संगीत सोम के खिलाफ है. उन पर धारा 144 के उल्लंघन पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में भी एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था. दोनों ही मामलों में संगीत सोम ने कोर्ट में पहुंचकर वारंट रिकॉल कराया था.

वहीं, सपा नेता और हस्तिनापुर से पूर्व विधायक रहे योगेश वर्मा के विरुद्ध भी अभियोग दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ भी 2017 में मंच पर बैनर और लाउडस्पीकर लगाकर अपने साथियों के साथ अपने पक्ष में जनसभा करने से संबंधित मामला दर्ज हुआ था. उनके खिलाफ NBW जारी हुआ था. उन्होंने भी वारंट रिकॉल कराया है. संयुक्त निदेशक अभियोजन मेरठ चंद्रप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बताया कि दोनों ही पूर्व विधायकों के ऊपर जो आरोप हैं उन मामलों में अधिकतम 6 माह की सजा और 2000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

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