मेरठः सरधना विधानसभा (Sardhana Vidhan Sabha) पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में कांटे का मुकाबला था. जिसमें एसपी प्रत्याशी अतुल प्रधान (SP Candidate Atul Pradhan) ने बीजेपी के प्रत्याशी संगीत सोम (BJP Candidate Sangeet Som) को पटखनी दे दी है.
संगीत सोम सुबह से आगे चल रहे थे. दोपहर बाद सपा ने बढ़त बना ली. जिससे फैसला अतुल प्रधान के पक्ष में गया. यहां से कांग्रेस ने सैय्यद रियानुद्दीन (Congress Syed Riyazuddin) को मैदान में उतारा था. संगीत सोम यूपी में बीजेपी के एक फायरब्रांड नेता हैं और विशेषकर पश्चिम यूपी में एक बड़ा चेहरा हैं. ये अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.
जब विवादों में आया नाम
संगीत सोम का राजनीतिक सफर जितना छोटा है, विवादों से उनका नाता उतना ही बडा़ है. सपा से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले संगीत सोम अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़े चेहरे बने हुए हैं. एक संपन्न किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले संगीत सोम का नाम साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) में आया. संगीत सोम पर वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आरोप था, जिसकी वजह से मुजफ्फरनगर में दंगे फैले. और एनएसए (NSA) के तहत उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
संगीत सोम का नाम गाय और गोवंश के वध का विरोध करने के लिए भी जाना जाता है. जिस मुजफ्फरनगर दंगों में संगीत सोम का नाम आया था, इसी जिले के लिए उनका मानना था कि लंबे समय से यहां के लोगों की मांग है कि इस शहर का नाम लक्ष्मीनगर होना चाहिए और वो भी इसके पक्ष में दिखते हैं. फिलहाल संगीत सोम मेरठ की सरधाना विधानसभा सीट से विधायक हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के लिए भी उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
संगीत सोम की शिक्षा-दीक्षा