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भारत बंद के समर्थन में पहुंची भीम आर्मी को भगाया

यूपी के मेरठ में भारत बंद के दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ता किसानों का समर्थन करने धरना स्थल पर पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को वहां से भगा दिया. बता दें कि सुबह ही पुलिस ने भीम आर्मी चीफ को नजरबंद कर दिया था.

भारत बंद के समर्थन में पहुंची भीम आर्मी को भगाया
भारत बंद के समर्थन में पहुंची भीम आर्मी को भगाया

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Published : Dec 8, 2020, 6:41 PM IST

मेरठ: कृषि विधेयकों को लेकर मंगलवार को किसान ने भारत बंद किया. किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस, सपा, बसपा, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी समेट 11 विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. जनपद में भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला है. किसानों के इस आंदोलन में भीम आर्मी (आजाद समाज पार्टी) ने भी किसानों का समर्थन किया है.

भीम आर्मी चीफ चन्द्र शेखर को किया नजरबंद
किसान के आंदोलन का देशभर की राजनीतिक पार्टियां समर्थन कर चुकी हैं. इसी कड़ी में भीम आर्मी ने भी किसानों का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. मंगलवार सुबह होने से पहले ही पुलिस ने छुटमलपुर स्तिथ चंद्रशेखर के आवास पर पहुंच कर न सिर्फ घर की घेराबंदी की बल्कि उनको घर में नजरबंद भी कर दिया और घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया. ताकि भीम आर्मी चीफ एवं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद किसान आंदोलन में ना पहुंच पाए.

घर में नजर बंद चंद्रशेखर ने मैसेज के माध्यम से बताया कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है, जिसके चलते आये दिन लोक तंत्र की हत्या की जा रही है.

पुलिस और भीम आर्मी के बीच हुई नोंकझोक
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के निर्देश पर मेरठ में कई जगहों पर हाइवे जाम किया गया. दौराला, जटौली, शिवाया और परतापुर में बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने दिल्ली-देहरादून हाइवे पर जाम लगाकर चक्का जाम कर दिया. इस दौरान मेरठ के भीम आर्मी कार्यकर्ता किसानों को समर्थन देने पहुंचे. पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते मे ही रोक लिया. पुलिस और भीम आर्मी के बीच नोंकझोंक भी हो गई.

भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भगाया
भीम आर्मी कार्यकर्ता किसानों को समर्थन देने के लिए धरनास्थल पर पहुंचना चाहते थे. पुलिस ने पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन जब उन्होंने पुलिस की नहीं मानी तो पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग कर उन्हें वहां से भगाना पड़ा. भीम आर्मी नेताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कृषि विधेयकों का खुलकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह काला कानून किसानों के लिए नुकसानदायक है. इसके लागू होने से केवल पूँजीपतियों को ही लाभ पहुंचेगा.

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