मेरठः जिले में गन्ना किसानों के लिए 300 हड्डी तोड़ सड़कें मुसीबत बन गईं हैं. मेरठ परिक्षेत्र के सात जिलों की बेहद खराब सड़कों ने गन्ना किसानों की समस्याएं और बढ़ा दी हैं. आए दिन ट्रैक्टर पलट जाना और हादसा हो जाना इन सड़कों पर आम हो गया है. इन सड़कों की हालत बगदाद के ऊबड़ खाबड़ क्षेत्र जैसी हो गईं हैं. इसे लेकर गन्ना किसान बेहद नाराज हैं. उनका सवाल है कि आखिर सरकार कब इन सड़कों की सुध लेगी.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पश्चिमी यूपी के संगठन मंत्री राजकुमार ने बताया कि पिछले 5 साल से भी ज्यादा समय से गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण के ग्रह जनपद मथुरा से लेकर मेरठ तक और आसपास के जिलों में कहीं भी शुगर मिलों तक के सम्पर्क मार्ग सड़कों पर कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि गन्ना विभाग ने अब इन सड़कों के निर्माण से हाथ ही खड़े कर दिए हैं. विभाग का कहना है कि यह मामला अब पीड्ब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र का है.
चौधरी चरण सिंह सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र सिंह करनावल का कहना है कि गन्ना किसानों को शुगर मिलों तक जाने में बेहद समस्याएं हो रही हैं. वह कहते हैं कि सरकार को जैसे किसानों की कोई फ़िक्र ही नहीं है. टूटी सड़कों पर वर्षो से कोई मरम्मत तक नहीं हुई है. किसानों के ट्रैक्टर आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. टायर जल्दी खराब हो रहे हैं. इस बारे में जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया लेकिन हुआ कुछ भी नहीं.
इस बारे में गन्ना विकास विभाग मेरठ परिक्षेत्र के सहायक अभियंता अनिल कुमार बताते हैं कि विगत 5 वर्षों से कोई नया सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया. हमें बजट ही नहीं मिला. धन के अभाव के कारण कोई भी काम नहीं हो सका है. मरम्मत का काम करीब दो साल से रुका है. इस वित्तीय वर्ष में मरम्मत का जिम्मा लोक निर्माण विभाग का है. सड़कों की टूट-फूट अब इसी विभाग को देखनी है. पिछले साल का पैसा लोक निर्माण विभाग को भेजा गया था, जबकि इस बार भी जो पैसा है वह भी लोक निर्माण विभाग को ही मिला है.
300 सड़कों के लिए तैयार हुई कार्ययोजना
उन्होंने बताया कि मेरठ परिक्षेत्र में 7 जनपद आते हैं. इसमें लगभग 300 से अधिक सड़कों की मरम्मत की डिमांड भेजी गई थी. कहा गया था कि चीनी मिल चलने से पहले इनका मरम्मत का काम करा दिया जाए. विभागीय अधिकारियों के द्वारा निर्देशित किया गया कि वो सारा पैसा लोकनिर्माण विभाग के द्वारा ही दिया जाएगा वही मरम्मत भी कराएंगे. वह बताते हैं कि सड़क निर्माण अभी तो नहीं हुआ लेकिन प्रक्रिया चल रही है, हो सकता है कि वे जल्द ही निर्माण भी करा लें. गन्ना विभाग के द्वारा जो सात वर्ष या उससे अधिक से सड़कें टूटी हुई हैं, उन्हीं सड़कों की कार्ययोजना शासन को दी हुई है.
अब गन्ना विभाग नहीं बना सकता सड़क
गन्ना विकास विभाग मेरठ के सहायक अभियंता अनिल कुमार बताते हैं कि सड़कों की मरम्मत और निर्माण का कार्य अब उन लोगों के पास नहीं है. वह तो अब संबंधित भवन निर्माण और भवनों की मरम्मत का कार्य कर रहे हैं. भविष्य में हो सकता है कि फिर से सड़कों की मरम्मत या सड़कों के निर्माण का कार्य आ जाए तो फिर देखा जाएगा. फिलहाल तो भवन मरम्मत और उसकी रंगाई पुताई का काम देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि छह साल पहले सड़क निर्माण का पैसा आया था.
जनपद में शुगर मिलें
मेरठ - छह
बुलंदशहर-चार
हापुड़ -दो
बागपत -तीन
अलीगढ- एक
गाजियाबाद- एक
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