मेरठ:एक ओरसीएम योगी आदित्यनाथ ने सर्दी के मौसम में गरीब व असहायों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था के दावे किए, वहीं मेरठ के बच्चा पार्क चौराहे पर बनाया गया रैन बसेरा न सिर्फ बदहाली के आंसू बहा रहा है, बल्कि सीएम योगी के दावों की भी पोल खोल रहा है. रैन बसेरे में असहाय लोगों के लिए लगाए बिस्तरे, रजाई-गद्दे खराब हो चुके हैं. सर्दी की रात में ठंड से बचने के लिए यहां आने वाले लोग टूटे हुए तख्त पर सोने को मजबूर हैं.
यहां लकड़ी के बनाए गए तख्त इतनी जर्जर हालत में है कि कभी भी टूट कर जमीन पर गिर सकते हैं. रजाई, गद्दों में धूल-मिट्टी भरी हुई है. रैन बसेरे की निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी खराब होकर धूल फांक रहे हैं. उधर, नगरायुक्त रैन बसेरों में बिस्तर, चारपाई समेत जरूरी व्यवस्था करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.
बता दें कि नवंबर महीने के अंत में सीएम योगी ने प्रदेश के सभी शहरों में गरीब व जरूरतमंदों के लिए रैन बसेरे चालू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन मेरठ शहर में शासन के आदेश की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं. सीएम योगी के आदेश पर रैन बसेरे तो चालू कर दिए गए, लेकिन ठंड से बचने के लिए बिस्तरों की कोई व्यवस्था नहीं की गई. रैन बसेरे में फटे पुराने बिस्तर टूटे हुए लकड़ी के तख्तों पर डालकर महज खानापूर्ति की गई है. नगर निगम अधिकारी शासन आदेश के बाद भी रैन बसेरों में रात्रि विश्राम की सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाए हैं.
ETV भारत के रियल्टी चेक में खुली पोल
ETV भारत की टीम ने मेरठ शहर के नगर निगम द्वारा चलाये गए रैन बसेरे का रियल्टी चेक किया. वहां रुकने वाले बेसहारा शरणार्थियों से बात की गई, तब जाकर नगर निगम के दावों की पोल खुलकर सामने आई. दरअसल, यहां रैन बसेरों में लगाए गए बिस्तर बहुत पुराने हैं, जिनमें सर्दी से बचना मुश्किल है. महज कवर से ढकी रजाइयों में लगी रुई टूट कर बाहर निकल रही है. रजाइयों में गर्माहट तो दूर, हवा भी नहीं रुक पा रही है. रैन बसेरे में रुकने वाले शरणार्थियों को ठंड से जूझना पड़ रहा है.