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अब मेरठ में भी चलेगा ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

दिल्ली के साथ ही अब मेरठ में भी कम्प्यूटर फ्रेंडली ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (Friendly Automatic Fare Collection System) का उपयोग किया जाएगा. इससे यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी.

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फ्रेंडली ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम.

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Published : Jun 19, 2021, 10:37 AM IST

Updated : Jun 19, 2021, 10:54 AM IST

मेरठ: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (National Capital Region Transport Corporation) यानी एनसीआरटीसी (NCRTC) ने देश की पहली आरआरटीएस कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत मेरठ और गाजियाबाद में भी अत्याधुनिक कम्प्यूटर फ्रेंडली ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (Friendly Automatic Fare Collection System) अपना लिया है. आधुनिक तकनीक से लोगों को यात्रा कराने में एएफसी सिस्टम (AFC System) का अलग ही महत्व है. इस सिस्टम से स्टेशन में संपर्क रहित प्रवेश/निकास करना, सहज, आसान, तीव्र और आरामदायक हो गया है. वहीं एनसीआरटीसी ने नई तकनीक और खरीद पद्धति पर काम करना शुरू कर दिया है.

एनसीआरटीसी क्यूआर कोड (NCRTC QR Ticket) के आधार पर डिजिटल टिकट मान्य हो गया है. इसके लिए ईएमवी ( यूरोपे मास्टरकार्ड वीजा), ओपन लूप कॉन्टैक्टलेस कार्ड का उपयोग करना पड़ेगा. यह नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card) यानि एनसीएमसी (NCMC) मानकों पर आधारित है. आरआरटीएस में यात्रा करने वाले नागरिक देश की किसी भी मेट्रो या परिवहन निगम द्वारा जारी किए गए एनसीएमसी कार्ड का आरआरटीएस में यात्रा के लिए उपयोग कर सकेंगे. यह सिस्टम अपने ऑपरेशन या परिचालन के पहले दिन से ही पूरी तरह ओपन लूप सिस्टम हो जाएगा, जिससे यात्रियों को न सिर्फ यात्रा करने में सुविधा रहेगी बल्कि स्टेशनों पर लगने वाली लंबी लाइन से भी छुटकारा मिल जाएगा

डिजिटल इंडिया की ओर अग्रसर भारत
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'डिजिटल इंडिया' एवं 'मेक इन इंडिया' का सपना पूरा होता नजर आ रहा है. यही वजह है कि रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है. जहां एनसीआरटीसी मोबाइल एप एवं वेबसाइट की मदद से डिजिटल रूप में जेनरेट होने लगा है, वहीं पेपर क्यूआर टिकट दो स्टेशनों के बीच यात्रा के लिए टिकट वेंडिंग मशीन और टिकट कार्यालय मशीनों से लिए जाएंगे. इसके लिए एनसीआरटीसी ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरर्शिप (Public Private Partnership) के आधार पर एएफसी प्रणाली की खरीद को लेकर भारत सरकार के 'मेक इनइंडिया' के दिशा निर्देशों के तहत शुरुआत की गई हैं. यह देश का पहला एएफसी सिस्टम बताया जा रहा है.

जानिए क्या है RRTS कम्यूटर
एनसीआरटीसी ने सिस्टम इंटीग्रेटर और वित्तीय संस्थान को अलग अलग कर दिया है. जहां एएफसी के गेट और अन्य सिस्टम इन्स्टाल किया जाता है, जबकि मास रैपिड सिस्टम या मेट्रो प्रणाली में पीपीपी मॉडल के माध्यम से खरीदी गई है. सिस्टम इंटीग्रेटर और वित्तीय संस्थान के एक कॉन्सोर्शियम को एएफसी सिस्टम की स्थापना और कार्ड जारी एवं प्राप्त करने का कार्य दिया गया है. एनसीआरटीसी पहले एक सिस्टम इंटीग्रेटर को इंस्टॉलेशन गतिविधियों के बाद वित्तीय संस्थान का चयन किया जाएगा.

सुविधाओं से लैस होगा देश का पहला ट्रांजिट सिस्टम
एनसीआरटीसी एएफसी मीडिया वेलिडेशन को 2 स्तरों पर लागू करने वाला पहला ट्रांजिट सिस्टम बताया जा रहा है, जिसमें पहला वेलिडेशन या सत्यापन कॉनकोर्स स्तर पर और दूसरा सत्यापन प्लेटफार्म स्तर पर किया जाएगा. एग्जीक्यूटिव लाउंज के जरिये आरआरटीएस के बिजनेस क्लास कोच में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म स्तर पर भी एएफसी गेट उपलब्ध कराए जाएंगे. एनसीआरटीसी का मोबाइल एप (NCRTC Mobile App) यात्रियों के लिए डिजिटल क्यूआर टिकट (Digital QR Ticket), कार्ड रिचार्ज और अन्य सुविधाओं के बुकिंग की सुविधा प्रदान करेगा. आरआरटीएस बनाने का मुख्य उद्देश्य (Main objective of RRTS) ही सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करना है, जिससे जीवाश्म ईंधन आधारित परिवहन पर निर्भरता कम हो जाएगी.

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एक राष्ट्र, एक कार्ड का लक्ष्य
एनसीएमसी के इस प्रयास से भारत सरकार के 'एक राष्ट्र, एक कार्ड' के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है. एक ही कार्ड से न सिर्फ देश में किसी भी इंटरसिटी और इंट्रासिटी परिवहन प्रणाली में यात्रा कर सकेंगे, बल्कि खुदरा लेन-देन के लिए भी अनुमति दी जाएगी. दावा किया जा रहा है कि यह सिस्टम यात्रियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि सरकार की ये तकनीक कितनी कारगर साबित होती हैं.

Last Updated : Jun 19, 2021, 10:54 AM IST

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