मेरठ: योगी सरकार ने यूपी में गन्ने के किसानों की तरफ ध्यान दिया है, जी हां ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि वर्तमान यूपी की सरकार ने गन्ने के मूल्य में 25 रुपये का इजाफा जो किया है. यूपी में किसान लगातार सरकार से गन्ने के मूल्य में वृद्धि की मांग उठाते चले आ रहे थे, लेकिन अब चुनाव में 6 माह से भी कम का समय शेष है, ऐसे में किसानों की गन्ने के मूल्य में वृद्धि की मांग वर्षों से चली आ रही थी. ईटीवी भारत ने इस बारे में किसानों से बात की.
किसानों ने बताया कि योगी सरकार ने किसानों को 25 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के मूल्य में वृद्धि की जो घोषणा की है वो सिर्फ चुनाव में लाभ उठाने को की गई है. इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रदेश सरकार के मंत्री सुनील भराला के गांव के किसान प्रदीप कुमार से बात की. प्रदीप ने पूर्ववर्ती सपा व बसपा शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन सरकारों ने किसानों की गन्ने की फसल का अधिक मूल्य बढ़ाया था. इतना ही नहीं वो कहते हैं कि किसानों को उम्मीद थी कि हरियाणा और पंजाब के बराबर यहां भी गन्ना मूल्य में सरकार वृद्धि कर देगी, लेकिन सरकार ने ऐसा कतई नहीं किया.
बुज़ुर्ग किसान शब्बीर ने योगी सरकार के गन्ने के मूल्य में वृद्धि का स्वागत किया, लेकिन उनका कहना है कि सरकार ने पहली बार पांच साल में पैसे बढ़ाए हैं. सरकार को पहले ही बढ़ाने चाहिए थे. किसान नितिन का कहना है कि ये चुनावी घोषणा है ये सभी को पता है. उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है, ऐसे में सरकार ने सिर्फ 25 रुपये की बढ़ोत्तरी की है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसान की हालत को समझना चाहिए. कुछ किसान सरकार की तारीफ भी दिल खोलकर करते हैं. कुछ किसानों का कहना है कि सरकार ने अच्छा कार्य किया है ये ही सरकार आएगी.
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कुछ युवा किसानों की भी राय ली गई. रोहित सिवाच का कहना है कि सरकार को ये देखना चाहिए कि सिंचाई महंगी हो गई है, बिजली के बिल बहुत ज्यादा आ रहे हैं, पेस्टीसाइड बेहद महंगे हैं, ऐसे में खाद बीज की कीमतें भी बढ़ी हैं. किसान ज्ञानेंद्र कहते हैं कि पिछले पेराई स्तर का भी अभी तक शत-प्रतिशत भुगतान सरकार गन्ना किसानों का नहीं करा पाई है. उन्होंने कहा कि मजदूरों की मजदूरी बढ़ गई है, ईंख की फसल तैयार करना भी बड़ी चुनौती बन गया है. उन्होंने कहा कि हर चीज महंगी है, ऐसे में 25 रुपये की बढ़ोत्तरी को वो कम मानते हैं.