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टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा - uttar pradesh

छोटे से गांव से टोक्यो तक का सफर तय करने वाले तीरंदाज विवेक चिकारा की अग्निपरीक्षा कल, सभी को पदक की आस.

टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा
टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा

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Published : Aug 26, 2021, 2:30 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 9:41 AM IST

मेरठः सड़क हादसे में अपना पैर गंवाने वाले मेरठ के छोटे से गांव महपा के 29 वर्षीय विवेक चिकारा ने जीवन में आए बदलाव के बाद भी हार नहीं मानी. महज तीन साल में गांव से टोक्यो तक का सफर तय किया. 27 को तीरंदाजी में टोक्यो में भारत की तरफ से वो निशाना लगाएंगे. उनके गांव में सभी को उम्मीद है कि वो देश को पदक दिलाएंगे. ईटीवी भारत ने उनके परिवार व साथी मित्रों से खास बातचीत की. पेश है ये रिपोर्ट.

तीरंदाज विवेक किसी फिल्म के नायक से कम नहीं हैं. MBA की पढ़ाई करने के बाद एक निजी कंपनी में जॉब कर रहे थे कि अचानक एक दिन सड़क दुर्घटना हुई जिसमें विवेक को अपनी टांग गंवानी पड़ी.

विवेक एक साल तक इलाज कराते रहे लेकिन उन्होंने इन मुश्किलों से हार नहीं मानी. अपने लिए एक ऐसा रास्ता चुना जिसके बारे में सुना जरूर था लेकिन जानते कुछ नहीं थे. महज तीन साल में विवेक चिकारा ने न सिर्फ खुद पहचान दिलाई बल्कि गांव को भी पहचान दिला दी.

24 अगस्त से टोक्यो में पैरालंपिक गेम्स की शुरुआत अब हो चुकी है. मेरठ के तीरंदाज विवेक चिकारा 27 को देश की तरफ से पदक के लिए निशाना लगाएंगे. तीरंदाजी स्पर्धा में उन्होंने एशिया में नंबर वन बनाने तक का ये सफर सिर्फ तीन साल में तय किया है.

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ईटीवी भारत की टीम ने उनके गांव महपा में जाकर उनके दोस्तों, सहयोगियों, ग्रामीणों व परिवार के सदस्यों से मुलाकात की सभी उनके लिए दुआएं कर रहे हैं. सभी को विवेक पर भरोसा है कि वो देश के लिए पदक जरूर लाएंगे.

टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा

एमबीए ग्रेजुएट विवेक के पिता देवेंद्र सिंह चिकारा कहते हैं कि विवेक ने पढ़ाई के बाद जॉब शुरू कर दी थी. करियर से वो संतुष्ट थे. लेकिन जब एक दिन एक्सीडेंट हुआ तो सब कुछ बदल गया. वो कहते हैं कि बेशक पूरा एक साल विवेक को स्वस्थ होने में लगा लेकिन एक टांग भी तब उनकी उनके साथ नहीं थी.

टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा

देवेंद्र ने कहा कि उन्हें बेटे की लगन व मेहनत पर भरोसा है. कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने खुद खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया, उससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है.

टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा

विवेक की मां रचनादेवी का कहना है कि वो भगवान से प्रार्थना करती हैं कि बेटा पदक लेकर आए. कहा कि उनका बेटा बहुत हिम्मतवाला है. उसने कभी हार नहीं मानी. विवेक की करीब 85 वर्षीय दादी का कहना है कि उन्हें पौत्र विवेक पर पूरा भरोसा है. विदेश से मेडल लेकर गांव का नाम रोशन करेगा.

विवेक के पिता ने बताया कि गांव से निकलकर बेटे ने एशिया के तीरंदाजी की रैंकिंग में नंबर वन खिलाड़ी बनने तक हर दिन कम से कम 6 घंटे प्रैक्टिस की. अलग-अलग प्रतियोगिता में मेडल जीते हैं.

टोक्यो गए तीरंदाज विवेक के पिता बोले, मोदी जी ने बढ़ाया हौंसला तो उनका बेटा पदक जरूर लाएगा.

इस हुनर में उनके एक अच्छे मित्र साथी के तौर पर गांव के ही उदित ने पल-पल पर उनका सहयोग किया. उदित कहते हैं कि जब कोरोना चल रहा था तो गांव में ही विवेक ने पूरी प्रैक्टिस की. गांव के युवा अपने साथी के टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करने से बेहद उत्साहित हैं. सभी ने कहा कि उन्हे विवेक की मेहनत और लगन पर पूरा भरोसा है.

Last Updated : Aug 27, 2021, 9:41 AM IST

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