मेरठ: टोक्यो ओलंपिक के बाद अब पैरालंपिक गेम्स को लेकर देशभर के खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह है. टोक्यो में ही 24 अगस्त से पांच सितंबर तक पैरालंपिक गेम्स का आयोजन होगा. ओलम्पिक की ही तरह पैरालंपिक गेम्स में भी यूपी के खिलाडी़ देश का नाम रोशन करने को बेताब हैं.चौबीस अगस्त से पांच सितम्बर तक टोक्यो में पैरा ओलम्पिक खेल आयोजित होंगे.मेरठ के रहने वाले तीरंदाज विवेक चिकारा पैरा ओलम्पिक में तीरंदाजी स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. विवेक चिकारा एमबीए ग्रेजुएट हैं. जानिए विवेक चिकारा का पैरा ओलम्पिक तक का सफर.
ओलम्पिक के बाद अब चौबीस अगस्त से टोक्यो में पैरा ओलम्पिक शुरु हो रहा है. पैरालंपिक में भारत के 54 पैरा-एथलीट हिस्सा लेने जा रहे हैं. पीएम मोदी ने इन सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने की शुभकामनाएं दी. मेरठ के लाल विवेक चिकारा भी कुछ ही दिनों में टोक्यो पहुंच जाएंगे. पैरा ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने टोक्यो जा रहे इस एमबीए पास खिलाड़ी का साहस जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
आमतौर पर कहा जाता है कि ओलम्पिक पटल तक पहुंचने वाला खिलाड़ी बचपन से ही तैयारी में जुट जाता है, लेकिन आज हम आपको ऐसे खिलाड़ी के बारे मे बताएंगे जो एमबीए ग्रेजुएट है. एमबीए करने के बाद विवेक चिकारा नौकरी कर रहे थे, लेकिन एक दिन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उसके जीवन की धारा ही बदल गई. 2016 में हुए एक भीषण हादसे में विवेक को अपना एक पैर गंवाना पड़ा. इस हादसे के बाद विवेक एक साल तक घर में बिस्तर पर ही पड़े रहे. हादसे में पैर गंवाने के हाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2018 से विवेक ने पैरा तीरंदाज़ी की शुरुआत की. इसके बाद फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसे उनकी जिजिविषा ही कहेंगे कि मात्र तीन वर्ष के अंतराल में वो पैरा ओलम्पिक के पटल तक पहुंच गए. विवेक के पिता की आंखें अपने लाड़ले के संघर्ष को बताते बताते आज भी नम हो जाती हैं.