मेरठःसीएमओ के हस्ताक्षर और मुहर से जारी किया गया एक नियुक्ति पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र जब जिले के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों तक पहुंचा तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद खुली. इसके बाद इस पर सीएमओ ने संज्ञान लिया है. वायरल हो रहे नियुक्ति पत्र को सीएमओ ने पूरी तरह से फर्जी करार दिया है.
बता दें कि वायरल हो रहे नियुक्ति पत्र में सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर करके फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करके 29 स्टाफ नर्स, सिस्टर महिला, पुरुष को नौकरी दिलाए जाने के संबंध में है. इस नियुक्ति पत्र की सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने जांच शुरू कर दी है. सीएमओ ने इसकी शिकायत पुलिस अफसरों से भी कर दी है. सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है और आखिर इसके पीछे कौन हैं यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
मीडिया से मुखातिब होते हुए मेरठ सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने बताया कि नियुक्ति पत्र का उनके कार्यालय से कोई लेना देना ही नहीं होता. उन्होंने कहा कि फर्जी हस्ताक्षर करके स्टाफ नर्स, सिस्टर के नियुक्ति के संबंध में विषय डालकर नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं. पत्र जारी करने ने साजिशन युवक-युवतियों को नौकरी के झांसे में फंसाने की कोशिश की है, या फिर कोई और बात है इसकी जांच कराने के लिए उन्होंने एक टीम गठित कर दी है.
सीएमओ अखिलेश मोहन का कहना है कि वैसे भी स्थानीय स्तर पर इस तरह की नियुक्ति करने का कोई अधिकार सीएमओ को या उनके कार्यालय के पास नहीं होता है.
सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहनने कहा कि चाहे वह NHM हों या फिर रेगुलर हों सभी शासन स्तर से ही जारी किए जाते हैं. लोग बहकावे में न आएं इसीलिए उन्होंने यह जानकारी साझा की है कि लोग सचेत हो जाएं. सीएमओ ने कहा कि इस तरह का कोई भी केस उनके संज्ञान में नहीं आया है. सीएमओ ने बताया कि ऐसा भी कोई व्यक्ति नहीं है जो उनके यहां ज्वाइन करने ही आया हो, लेकिन क्योंकि उन्हें वाट्सएप पर यह वायरल मिला था तो वह सभी को जागरूक कर रहे हैं.