प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खाली पदों पर नियमानुसार नियुक्तियां न करके उनको संविदाकर्मियों से भरे जाने के खिलाफ जनहित याचिका पर नगर निगम मेरठ से जवाब मांगा है. कोर्ट पूछा है कि नगर निगम में कितने पद कब से खाली हैं और इन पर नियमानुसार नियुक्ति की नगर निगम की क्या योजना है, इसकी जानकारी 16 दिसंबर को अदालत में पेश की जाए. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने बृजलाल कृष्ण गुप्ता की याचिका पर दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविदा कर्मियों की नियुक्ति मामले में मेरठ नगर निगम से मांगा जवाब - संविदा कर्मियों की नियुक्ति
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविदा कर्मियों की नियुक्ति मामले में मेरठ नगर निगम को तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि नगर निगम में कितने पद कब से खाली है और इन पर नियमानुसार नियुक्ति करने की नगर निगम की क्या योजना है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने बृजलाल कृष्ण गुप्ता की याचिका पर दिया है.
अपने चहेतों की नियुक्ति कर रहे निगम के अधिकारी
याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि नगर निगम मेरठ के अधिकारियों ने रिक्त पड़े स्वीकृत पदों पर अपने चहेते लोगों की संविदा पर नियुक्तियां कर दी हैं. नियमानुसार विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति नहीं की जा रही है. याचिका में आशंका व्यक्त की गई है कि संविदा कर्मियों को स्थायी किया जा सकता है. ऐसा करने से नियुक्ति नियमावली का उद्देश्य विफल होगा.
'नियमानुसार भरा जाएगा खाली पद'
नगर निगम मेरठ के अधिवक्ता ने कहा कि आशंका निराधार है. निगम खाली पदों को नियमानुसार भरेगा. जवाब दाखिल करने के लिए समय दिए जाने की मांग की, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने 16 दिसंबर तक खाली पदों को भरने की पूरी योजना के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.