मेरठ:कानपुर में जीका वायरस का पहला केस मिलने के बाद अब मेरठ में इसके खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियां के नेतृत्व में एक टीम सोमवार को कानपुर के लिए रवाना हो गई है. वह कानपुर जाकर जांच करेगी, फिलहाल जीका वायरस का कोई इलाज नहीं है. ऐसे में डॉक्टर भी मच्छरों से बचकर रहने की सलाह दे रहे हैं.
सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियां की माने तो जीका वायरस का संक्रमण भी मच्छरों के जरिए फैलता है. डेंगू, चिकनगुनिया के संवाहक एडीज प्रजाति के मच्छर हैं, जिनके काटने से इन बीमारियों के वायरस शरीर में प्रवेश कर संक्रमण फैलाते हैं. साथ एडीज एनजेपी मच्छर अधिक घातक होते हैं.
शरीर में जीका वायरस के प्रवेश करने के तीन से 14 दिन के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं. दवाएं खाने से बुखार न उतरे, साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व टायफाइड की जांच में पुष्टि न हो. व्यक्ति विदेश यात्रा अथवा जीका प्रभावित क्षेत्र से लौटा हो, तो जांच कराएं.