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चुनावी रंजिश में पहले ग्राम प्रधान अब गवाह के भतीजे की हत्या

मऊ के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र में असलपुर गांव में एक वर्ष पूर्व भरी पंचायत के दौरान ग्राम प्रधान मुन्ना बागी की गोलीमार कर हत्या कर दी गई थी. वहीं हत्याकांड में गवाह के भतीजे की 12 जनवरी को हत्या कर दी गई. इससे गांव में दशहत का माहौल है.

चुनावी रंजिश में पहले ग्राम प्रधान अब गवाह के भतीजे की हत्या
चुनावी रंजिश में पहले ग्राम प्रधान अब गवाह के भतीजे की हत्या

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Published : Jan 14, 2021, 1:35 PM IST

मऊ: जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र में असलपुर गांव के ग्राम प्रधान हत्याकांड में गवाह के भतीजे की 12 जनवरी को हुई हत्या के बाद से गांव में दहशत का माहौल है. हत्या के बाद आरोपी के घर पर हमले के बाद से गांव छावनी में तब्दील है. वहीं इस घटना के पीछे पंचायत चुनाव का वर्चस्व माना जा रहा है. गौरतलब है कि असलपुर गांव में 8 सितम्बर 2019 को भी ग्राम प्रधान मुन्ना बागी की हत्या भरी पंचायत में गांव के राहुल सिंह ने कर दी थी. अब प्रधान हत्याकांड के गवाह शम्भू राम के भतीजे की हत्या हो गई है.

चुनावी रंजिश में पहले ग्राम प्रधान अब गवाह के भतीजे की हत्या

मामूली सी बात से शुरू टकराव आज दो की जान ले ली
तीन वर्ष पूर्व असलपुर गांव में पंचायत चुनाव में मामूली बात को लेकर दो गुटों के बीच हुई मारपीट खूनी संघर्ष में तब्दील हो गई. इसी विवाद को लेकर जहां 16 माह पूर्व गांव के प्राथमिक विद्यालय पर चल रहे पोखरों की नीलामी के दौरान दिनदहाड़े तत्कालीन ग्राम प्रधान मुन्ना राव बागी की हत्या हुई. एक बार फिर प्रधान का समर्थक व गवाह के भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन वर्ष से शुरू हुआ खून-खराबे यह का सिलसिला अभी अनवरत जारी है. मंगलवार की देर शाम हुई अरविद नामक युवक की हत्या ने एक बार फिर पीड़ितों के हरे घाव पर वार कर दिया.

पोखरे की नीलामी को लेकर प्रधान की हुई थी हत्या
असलपुर गांव के कुछ पोखरों की प्रशासनिक नीलामी नहीं हो पाने के चलते गांव में मछली मारने को लेकर यह पोखरे झगड़े की जड़ बन गए थे. इसको लेकर गांव में तय हुआ था कि आपसी सहमति के आधार पर गांव के ही उच्च बोली लगाने वालों को पोखर एक वर्ष के लिए आवंटित कर दिया जाए. पोखरों के आवंटन में जो भी धनराशि प्राप्त होगी, उससे गांव का कुछ सार्वजनिक काम कर लिया जाएगा. इसको लेकर 08 सितंबर 2019 को गांव के प्राथमिक विद्यालय पर पंचायत शुरू हुई. दोपहर लगभग 12 बजे पंचायत जब खत्म होने के कगार पर थी कि इसी दौरान गांव का राहुल सिंह वहां पहुंचा और प्रधान पर ताबड़तोड़ फायरिग शुरू कर दी. प्रधान के सीने, सिर व बांह में कुल पांच गोलियां लगीं. गोली लगते ही प्रधान वहीं भरी पंचायत के सामने ही गिर कर दम तोड़ दिए. इसको लेकर गांव में व्याप्त तनाव अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि प्रधान हत्याकांड के गवाह के भतीजे की मंगलवार की देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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