मऊ:सरयू नदी का जलस्तर जैसे-जैसे कम हो रहा है वैसे-वैसे नदी की धारा तेज होती जा रही है. पश्चिम से आकर धारा उत्तर की ओर मुड़ रही है और जहां से धारा मुड़ रही है, वहां स्थित श्मशान घाट से लेकर खाकी बाबा की कुटी पर दबाव बनता जा रहा है. इससे खासी वाली कुटी पर कटान के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में ऐतिहासिक धरोहर को खतरे में देख कस्बे के निवासी चिंतित हैं.
मऊ में नदी के तेज बहाव से सुरक्षा के लिए तटवर्ती इलाकों में बोल्डर पीचिंग का काम हुआ है. लेकिन तेज लहरों के कारण नीचे से नदी काटकर बोल्डर को बहा ले जा रही है. खाकी बाबा समाधि स्थल के नीचे बोल्डर खिसक रहा है. यहां नदी किसी भी समय कटान कर सकती है. जबकि तेज बहाव से खाकी बाबा कुटी का आधा कमरा और मंदिर कट चुका है. जो बचा है, उसे भी कटाने के लिए नदी की लहरें उतारू हैं. नदी के रौद्र रूप का परिणाम ऊपर से दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन नीचे से नदी कटान कर रही है. पत्थर कभी भी नदी में बह सकता है. हालात यह है कि खाकी बाबा मंदिर के प्रवेश द्वार के खंभों में दरारें पड़ गई हैं.
मऊ: सरयू नदी का जलस्तर कम, बढ़ा कटान का खतरा - water level of saryu river decreased
सरयू नदी के जलस्तर में तेजी से कमी हो रही है. लेकिन इससे नदी की धारा तेज होती जा रही है. जिसके चलते नदी स्थित श्मशान घाट से लेकर खाकी बाबा की कुटी पर दबाव बनता जा रहा है.
सरयू नदी.
सिंचाई विभाग द्वारा कटान रोकने के लिए कुटी से शाही मस्जिद के बीच 9.5 करोड़ की बजट पास हुआ है. लेकिन बाढ़ आ जाने से आधा अधूरा काम ही हो पाया है. नदी की धारा दोहरी घाट की तरफ कभी न कभी खतरा कर सकती है. इसको लेकर प्रशासन सक्रिय है. लेकिन नगरवासियों का आरोप है कि बाढ़ आने से पहले प्रशासन पिचिंग का कार्य करा दिया होता, तो ऐतिहासिक धरोहरों की कटने का खतरा नहीं होता.