मऊ: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान को पूरा करने के लिए जनपद में 1 नवंबर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें दूर दराज गांव में शिविर लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है. इस बार सरकार का सख्त निर्देश है कि जिले के दूर दराज स्थित लगभग 1500 गांव में आयुष्मान भारत योनजा की लिस्ट में एक भी लक्षित लाभार्थी छूटने नहीं चाहिए. ऐसे में आशा वर्कर व एएनएम चिन्हित लाभार्थियों के घर जाकर उन्हें कैंप तक लाने का काम कर रही हैं. इसमें ग्राम प्रधान व कोटेदार भी उनका सहयोग कर रहे हैं.
तैयारियों को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की बैठक
सीएमओ डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि शासन से निर्देश मिला है कि पं. दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद के सिद्धांत में समाज के आखिरी व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचे. उसी के तहत जिन गांवों में लिस्ट में मौजूद एक भी व्यक्ति (जीरो गोल्डेन ग्राम सभा) का जिसका अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बना है, वहां विशेष अभियान चला कर गोल्डन कार्ड का लाभ दिया जाय.
उन्होंने ने बताया कि वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आधार पर यह गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है. इसका लाभ केवल उन्हीं लाभार्थियों को मिलेगा जिनका नाम आयुष्मान भारत योजना की सूची में अंकित है, अभी नए नाम जोड़े जाने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन, निकट भविष्य में इसकी उम्मीद की जा सकती है. निर्धारित मानकों के अनुसार इस योजना में चयनित परिवारों या व्यक्तियों को पांच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. इस गोल्डन कार्डधारी देश के किसी भी हिस्से में सम्बद्ध हास्पिटल में जाकर योजना का लाभ ले सकता है.
जिला ग्रेवांस मैनेजर सुजीत सिंह ने बताया कि ऐसे ग्राम सभा जहां लाभार्थी होने के बावजूद एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना, वहां विशेष कैंप लगाकर कार्ड बनाने का कार्य किया जायेगा. बता दें कि जिले में कुल 8 सरकारी एवं 9 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सम्बद्ध हैं, जहां कार्डधारी लाभार्थी के परिवार का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है.