मऊ:जिले में शरद पूर्णिमा के दिन जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर और अध्यात्म जगत में प्रख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने मऊ जनपद स्थित मां वनदेवी मंदिर में पहुंचकर विधि विधान के साथ पूजन अर्चना की. इस दौरान समूचा मंदिर प्रांगण वैदिक विद्वानों के मंत्रोच्चारण व जयकारों से गूंज उठा.
मां वनदेवी मंदिर पहुंचे महामंडलेश्वर. वनदेवी मां के दर्शन मात्र से मिलती है उर्जा
शरद पूर्णिमा के दिन श्री महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज मां वनदेवी मंदिर दर्शन करने पहुंचे. महामंडलेश्वर ने कहा कि मां की कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं हैं. ऐसे में जगत जननी सीता मां का प्रवास स्थल होने के नाते यह क्षेत्र ऊर्जा का स्रोत है. वनदेवी मां के दर्शन मात्र से हमें इतनी उर्जा प्राप्त हो जाती है कि हम वर्ष पर्यंत तमाम धार्मिक तप-यज्ञ और अनुष्ठान करते रहते हैं.
इसी दिन चंद्रमा 16 कलाओं से होता है परिपूर्ण
प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा के दिन श्री यति जी महाराज वनदेवी मंदिर में दर्शन पूजन को आते रहते हैं. उन्होंने बताया कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इस बार शुभ योग में चंद्रमा और मंगल के दृष्टि संबंध होने की वजह से महालक्ष्मी योग बन रहा है. इस रात में लक्ष्मी पूजन करके रात्रि जागरण करना धन समृद्धि दायक माना गया है.
40 मिनट तक मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रहे महामंडलेश्वर
श्री यति जी महाराज के साथ संत अभयानंद यति व काफी बड़ी संख्या में वैदिक विद्वानों के बाल बटुक मौजूद रहे. लगभग 40 मिनट तक मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रहकर महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति ने ऐतिहासिक व पौराणिक मां वनदेवी का दर्शन-पूजन किया.
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