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मऊ: विशेष सचिव ने पोषण वाटिका का किया निरीक्षण - inspection of nutrition vatika in mau

यूपी के मऊ में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार एवं अभियान की नोडल अधिकारी आईएएस गरिमा यादव ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर विकसित की गई पोषण वाटिका का निरीक्षण किया. उन्होंने इस मौके पर मौजूद महिलाओं को पोषण के महत्व, महिला उत्पीड़न, बच्चियों के साथ होने वाले अपराध, शिक्षा आदि के संबंध में लोगों को समझाया.

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आंगनबाड़ी केंद्र.

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Published : Oct 20, 2020, 4:17 PM IST

मऊ:'मिशन शक्ति’ अभियान के तहत जिले में प्रवास कर रहीं विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार एवं अभियान की नोडल अधिकारी आईएएस गरिमा यादव ने परदहा ब्लॉक के बरलाई ग्राम सभा में स्वयं सहायता समूह के गठन की जानकारी ली. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर विकसित की गई पोषण वाटिका का निरीक्षण किया. इस मौके पर मौजूद महिलाओं को पोषण के महत्व, महिला उत्पीड़न, बच्चियों के साथ होने वाले अपराध, शिक्षा आदि के संबंध में लोगों को समझाया.

विशेष सचिव ने मौजूद लोगों को बताया कि बच्चियों और किशोरियों में लम्बाई न बढ़ने की समस्या के लिए समय से प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम न मिल पाना है. उन्होंने कहा कि लड़कियों को सहजन और पालक की सब्जी रोटियों में डालकर खिलाने से उनकी लम्बाई बढ़ेगी. इसके अलावा शारीरिक और मानसिक विकास भी होगा. शरीर के विकास में हार्मोन्स की बड़ी भूमिका होती है. हार्मोन मांस पेशियों और हड्डियों को बढ़ाते हैं. दिमाग से हड्डी बढ़ाने के लिए हार्मोन का श्राव होता है तो सभी तत्व अपनी-अपनी भूमिका में लग जाते हैं.

आयरन, मैग्नीशियम और जिंक तीनों उत्प्रेरक का काम करते हैं. वहीं विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस हड्डियां बढ़ाने की प्रक्रिया में सीधे शामिल होते हैं. इनके ही कारण हड्डियों में घनापन आता है. यह एक तरह से काफी कुछ वैसे ही काम करते हैं जैसे एक मकान बनाने में बालू और सीमेंट काम करते हैं. प्रोटीन से एमीनोएसिड निकलता है जो संचालित हैं, वहां पर सहजन, पपीता सहित तमाम पोषक तत्वों की उपलब्धता वाले पौधे लगाए गए हैं. इनके फलों-पत्तियों समेत सभी भागों के इस्तेमाल के लिए लड़कियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को प्रेरित किया गया. पोषण वाटिका में सीजनल हरी पत्तेदार सब्जियों पालक, बथुआ, चौराई, चुकंदर, शलजम आदि के साथ आंवला, नीबू, लौंकी, नेनुआ आदि लगाया जा रहा है. आगे इन्हें मिड-डे मील में भी शामिल किया जाएगा. इसके माध्यम से सभी प्रकार के कुपोषण की समस्या से निपटा जा सकेगा.

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