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ग्राम पंचायत घोटाले में सचिव निलंबित, FIR दर्ज

मऊ में विकास के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते में 14वें वित्त आयोग के बचे रकम में से ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलीभगत कर लाखों रुपये निकाल लिए. मामले में सचिव को सस्पेंड करते हुए एफआईआर दर्ज की गई. इस कार्रवाई से ग्राम पंचायत के सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है.

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Published : Jan 4, 2021, 11:11 AM IST

प्राथमिक विद्यालय मीरपुर रहीमाबाद.
प्राथमिक विद्यालय मीरपुर रहीमाबाद.

मऊ: यूपी में ग्राम पंचायत चुनाव की आहट होते ही विकास के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते में 14वें वित्त आयोग के बचे रकम से प्रधान व सचिव ने मिलीभगत कर लाखों रुपये निकाल लिए. सरकरी धन के दुरुपयोग और बंदरबाट का मामले प्रकाश में आते ही जिला प्रशासन चौककन्ना हो गया. मामले में सचिव को सस्पेंड करते हुए एफआईआर दर्ज की गई. इस कार्रवाई से ग्राम पंचायत के सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है.

मिलीभगत कर निकाले रुपये

मामला प्रदेश के मऊ जनपद से है. जहां ग्राम प्रधान और सचिव मिलीभगत कर लाखों रुपये विकास कार्य के नाम पर निकाल लिए हैं. जिले के कोपगंज ब्लॉक के मीरपुर रहीमाबाद गांव के ग्राम प्रधान और सचिव की मिली भगत से 17 लाख 60 हजार रुपये विकास के नाम पर निकाल लिए गए. मामले का खुलासा उस समय हुआ जब ग्राम पंचायत चुनाव से एक दिन पहले 24 दिसंबर को ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर कर साढ़े 6 लाख रुपये निकाल लिए.

स्थानीय लोगों ने दी जानकारी

स्थानीय लोगों के अनुसार गांव में 27 नवंबर को ग्राम प्रधान और सचिव ने विकास कार्य के आधार पर 17 लाख 60 हजार रुपये निकाल लिए. 28 नवंबर को सचिव को स्थानांतरित कर दिया गया और 29 नवंबर को निलंबित कर दिया गया. सचिव पर ग्राम प्रधान के साथ मिली भगत कर 14वें वित्त आयोग के 17 लाख 60 हजार रुपये निकालने का आरोप लगा है. हालांकि इसी प्रकरण में ग्राम पंचायत में दूसरे सचिव की नियोक्त होती है और दूसरे सचिव ने भी पंचायत चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले साढ़े 6 लाख रुपये निकाल लिए.

सचिवों के भ्रष्टाचार करने की इस करतूत का पर्दाफाश करते हुए मोहम्दाबाद गोहना से बीजेपी विधायक श्रीराम सोनकर ने गांव वालों की शिकायत पर जिलाधिकारी को पत्रक देकर मामले में जांच की बात कही है. जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने मुख्य विकास अधिकारी रामसिंह को 2 दिन में मामले की जांच करने आदेश दिए है.

मामले की जांच के लिए कमेटी गठित

मामले की जांच कर रहे मुख्य विकास अधिकारी रामसिंह ने बताया कि 25 तारीख को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया. जिसमें कोपागंज ब्लॉक के मीरपुर रहीमाबाद गांव में सचिव ने 17 लाख 60 हजार रुपये राज्य वित्त आयोग और 14वें वित्त आयोग से निकाल लिए. सचिव पर मुकदमा लिखवा कर जांच कराया जा रहा है. इसी तरह का एक और मामला प्रकाश में आया है, जहां ग्राम प्रधान और सचिव ने साढ़े तीन लाख रुपये निकाल लिए है. मामले में जांच की जा रही है. इसके लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद करवाई की जाएगी.

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