मऊ: जिले में सरयू नदी इस समय उफान पर है. बाढ़ आने से दोहरीघाट क्षेत्र के देवारा में लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ता नजर आ रहा है. वहीं बीबीपुर बंधा पर पानी का दबाव बढ़ गया है. दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. सड़कें पानी से डूबी हुई हैं. तबाही का मंजर साफ-साफ नजर आ रहा है.
मऊ: सरयू का कहर जारी, दहशत में ग्रामीण - mau latest news
मऊ में सरयू नदी का जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है. सरयू खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ आने से दोहरीघाट क्षेत्र के देवारा में ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं.
![मऊ: सरयू का कहर जारी, दहशत में ग्रामीण सरयू नदी.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-09:42:48:1598242368-up-23082020231407-2308f-02614-900.jpg)
मऊ जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. बाढ़ का पानी दोहरीघाट मधुबन मार्ग के समीप तक आ गया है. जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोगों को भय सता रहा है कि कहीं सरयू 1998 के बाढ़ के आंकड़ों को पार न कर जाए, क्योंकि नेपाली नाले के पानी से नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. अगर नदी का पानी कम नहीं हुआ, तो बहुत ही भयानक तबाही मच सकती है. दोहरीघाट क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है. जलस्तर बढ़ने बांध पर काफी दबाव पड़ रहा है, जिससे बांध कई जगह रिसाव कर रहे हैं. ऐसे हालात में बांध टूटने का खतरा बना हुआ है. अभी पिछले सप्ताह ही मधुबन ले दुबारी में बांध टूटने से तीन गांव पानी से घिर गए थे. जहां से निकलते वक्त नाव पलटने से 6 लोगों की मौत भी हो गई थी. इन सब खतरे को देखते हुए सरयू के समीपवर्ती गांवों के लोग डर के साए में जी रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरयू के कहर से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई हैं. वहीं दर्जनों गांव के सम्पर्क मार्ग भी बाढ़ की जद में हैं. बाढ़ पीड़ित लोगों के मदद के लिए प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. नाव की संख्या की कमी के चलते बाढ़ पीड़ित लोगों का जीवन दुभर हो गया है. रात में किसी की तबियत अचानक खराब हो जाए उसके लिए कोई प्रबंधन नहीं है. तमाम कठिनाइयों के बीच बाढ़ पीड़ित अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.