मऊ: लॉकडाउन के दौरान विभिन्न प्रदेशों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से मऊ पहुंच रहे हैं. इन यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसें दिन-रात ड्यूटी पर हैं. रोडवेज की एक बस में मात्र 26 लोगों को बिठाया जा रहा है. ऐसे वक्त में परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी पूर्वक अपनी ड्यूटी निभाने में जुटे हुए हैं.
मऊ में प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में जुटे रोडवेज कर्मी - roadways department
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से पहुंच रहे हैं. इन यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसें दिन-रात लगी हुई हैं.
हमारा कर्तव्य है हम कैसे छोड़ दें
कोरोना महामारी के दौर में अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रियों की सेवा कर रहे परिचालक रामनन्द ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाकर हम देश की सेवा कर रहे हैं. विभाग ने मास्क और सैनिटाइजर दिया है, लेकिन फिर भी डर तो लगता ही है. लेकिन हमारा कर्तव्य है लोगों को गन्तव्य तक पहुंचाना.
एआरएम लगातार कर रहे हैं उत्साहवर्धन
कोरोना वॉरियर्स बने इन रोडवेज चालकों का मनोबल बढ़ाने के लिए एआरएम विवेकानन्द इनके साथ खड़े हैं. वह लगातार इनके कार्य की सराहना करते हैं, ताकि चालकों का जुनून इसी तरह बरकरार रहे.
चाह कर भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा
एआरएम विवेकानंद त्रिपाठी ने बताया कि इन चालकों के पास न तो पीपीई किट है और न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था, बावजूद इसके ये लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि चालक जब दूसरे जिले में रात को पहुंच रहें हैं, तो उन्हें कोई वहां रिसीव करने वाला भी नहीं रहता. यात्री भी सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर चालकों को परेशान कर रहे हैं. इस दौरान चाह कर भी बस चालक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं कर पाते.