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मऊ: कोरोना काल में आयुर्वेदिक दवाओं के तरफ बढ़ा लोगों का रुझान

कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा आयुष 64 नि:शुल्क दवा का वितरण किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के समय में इन आयुष अस्पतालों पर लोगों की विश्वसनीयता बढ़ गई है. इन अस्पतालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के इलाज के लिए मरीज आ रहे हैं.

आयुर्वेदिक दवाएं.
आयुर्वेदिक दवाएं.

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Published : Sep 28, 2020, 1:21 PM IST

मऊ: वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा विश्व परेशान है. अभी तक किसी भी प्रकार की कोई दवा न बनने से इसका कोई कारगर इलाज नहीं है. पूरे विश्व में कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है. कोरोना से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. जिसमें भारतीय आयुर्वेदिक काढ़ा और औषधि का प्रयोग किया जा रहा है.

आयुर्वेदिक दवाओं के तरफ बढ़ रहा लोगों का रुझान.

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा आयुष 64 नि:शुल्क दवा का वितरण किया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष एवं यूनानी अस्पतालों पर निशुल्क उपलब्ध है. कोरोना संक्रमण के समय में इन आयुष अस्पतालों पर लोगों की विश्वसनीयता बढ़ गई है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के इलाज के लिए मरीज आ रहे हैं. जिससे इन अस्पतालों पर पहले की अपेक्षा भीड़ बढ़ गई है.

आयुर्वेदिक विभाग निःशुल्क वितरित कर रहा काढ़ा
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मऊ के डॉक्टर संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस पद्धति में जो दवा दी जाती है, उसमें ध्यान दिया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में इतनी क्षमता हो कि उसे कोई रोग न हो. इस कोरोना काल में जब वैश्विक स्तर पर कोई दवा नहीं उपलब्ध हो पाई तो यह देखा गया कि जब तक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता है, वह मजबूत है तो उसे किसी भी प्रकार का रोग नहीं हो सकता है. ऐसे समय में हमारी भारतीय प्राचीन पद्धति आयुष की विशेष महत्ता साबित हुई. भारत में कोरोना के जिन मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उसमें विशेष तौर पर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं दी जा रही है. अब आयुर्वेदिक विभाग के द्वारा कोरोना काल में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष 64 नामक टेबलेट और काढ़ा निःशुल्क वितरित किया जा रहा है.

डॉक्टर संतोष आगे बताते हैं कि कोरोना काल में लोगों का आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति विश्वास बढ़ा है. इसी के चलते पहले अस्पताल में जहां मरीजों की संख्या कम रहती थी अब उसमें अधिकता देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले दिनभर में 10 मरीज नहीं आ पाते थे अब तो 50 से 60 का औसत जा रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों का आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति रुझान बढ़ा है. यहां इलाज के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों की शारीरिक क्षमता और उनकी उम्र के अनुसार खान-पान के साथ साथ ही उन्हें योग करने का परामर्श दिया जा रहा है.

आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से बढ़ सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश सिंह ने बताया कि मऊ जनपद में आयुर्वेद और यूनानी के कुल 35 अस्पताल हैं. उन्होंने बताया कि जो लोग कंटेनमेंट जोन में रहने वाले या किसी गैर उपचारित कोरोना मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें काढ़ा और अन्य आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से उपचारित कर प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा रहा है. राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के निकट हाई रिस्क एरिया में रहने वाले लोगों को कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे लोग अस्पताल में आकर पंजीकरण करा सकते हैं और निशुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निशुल्क आयुष 64 दवा और नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा है. यह दवा जहां यह प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करती है वहीं तेल के उपयोग से नाक की कैनाल को वायरस से लड़ने की क्षमता मिलती है.

आयुष काढ़े से हुए स्वस्थ
कोरोना वायरस से संक्रमित होकर स्वस्थ हुए शख्स ने बताया कि जब वह पॉजिटिव थे, उस वक्त कोई अंग्रेजी दवा नहीं काम आ रही थी. केवल गिलोय, आयुष काढ़ा और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश का पालन किया, जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ्य हो गए हैं. उन्होंने बताया कि उनके घर के सभी लोग अब काढ़े का सेवन कर रहे हैं और आयुष दवा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं.

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