उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन
मुंशी प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के मऊ में गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. गोष्ठी में मुरारीलाल केडिया, डॉ. अलका राय, डॉ. श्रीनाथ खत्री, डॉ. कमलेश राय ने भी अपने विचार रखे.
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद
मऊः देश के विभिन्न हिस्सों में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई. जनपद मऊ में भारत विकास परिषद द्वारा गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में साहित्य प्रेमियों और बुद्धिजीवियों ने प्रेमचंद की रचनाओं पर चर्चा की.
- प्रेमचंद की रचनाएं उस समय का यथार्थ चित्रण करती थीं जो आज भी प्रासंगिक हैं.
- प्रेमचंद अपनी रचनाओं में सामंतवाद और शोषण का विरोध करते थे.
- मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने के लिए प्रेमचंद तब तक प्रासंगिक हैं जब तक मनुष्यता आवश्यक है.
- प्रेमचंद ने रचनाओं के माध्यम से भ्रष्टाचार का भी चित्रण किया है.
- प्रेमचंद प्रगतिशील थे, लेकिन प्रगतिवादी नहीं, वो किसी विचारधारा से बंधे नहीं थे बल्कि समाज में शोषण और बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाते थे.