उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मऊ: कुपोषण से जूझ रही नौनिहालों की जिंदगी, पोषण पुनर्वास केंद्र में खाली पड़े हैं बेड - पोषण पुनर्वास केंद्र मऊ

मऊ जिला अस्पताल में 10 बेडों का बना पोषण पुनर्वास केंद्र खाली पड़ा हुआ है, जबकि जिले में 30,957 कुपोषित और 7,390 अति कुपोषित बच्चे हैं. इन सबके बावजूद स्वास्थ्य विभाग कुपोषण जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर सजग नहीं हैं.

पोषण पुनर्वास केंद्र मऊ.

By

Published : Mar 16, 2019, 9:41 AM IST

मऊ: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जिला अस्पताल में 10 बेडों का बना पोषण पुनर्वास केंद्र खाली पड़ा हुआ है. जिले में 30,957 कुपोषित और 7,390 अति कुपोषित बच्चे हैं. कुपोषण दूर करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य और बाल विकास पुष्टाहार विभाग की है. दोनों विभाग मॉनिटरिंग करने और अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने का दावा भी करते हैं, लेकिन यह सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है.

दरअसल प्रदेश में नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इन सबके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. यही हाल मऊ जिले में स्वास्थ विभाग का भी है. यहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते स्थिति नहीं सुधर रही है. इसके पीछे डॉक्टर और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है.

जानकारी देते डॉ महेंद्र प्रताप सिंह.

जिले में हजारों कुपोषित बच्चे होने के बावजूद भी 10 बेड वाले पोषण पुनर्वास केंद्र में केवल एक बच्ची भर्ती है, जबकि और बच्चों का कागजों पर इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य और बाल विकास पुष्टाहार विभाग के तालमेल के बाद भी जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 7,390 है, जबकि कुपोषित बच्चों की संख्या 30,957 है. इसमें छह माह से लेकर पांच साल तक के बच्चे शामिल हैं.

पोषण पुनर्वास केंद्र के डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से पीएससी तक भेजना और पीएससी से जिला अस्पताल तक भेजने की जिम्मेदारी में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है. इसी वजह से इतने बच्चे होने के बाद भी यहां के सारे बेड खाली पड़े हुए हैं. आंगनबाड़ी और बीआरसी की कर्मचारी मुख्य रूप से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details