मऊ: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जिला अस्पताल में 10 बेडों का बना पोषण पुनर्वास केंद्र खाली पड़ा हुआ है. जिले में 30,957 कुपोषित और 7,390 अति कुपोषित बच्चे हैं. कुपोषण दूर करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य और बाल विकास पुष्टाहार विभाग की है. दोनों विभाग मॉनिटरिंग करने और अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने का दावा भी करते हैं, लेकिन यह सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है.
दरअसल प्रदेश में नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इन सबके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. यही हाल मऊ जिले में स्वास्थ विभाग का भी है. यहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते स्थिति नहीं सुधर रही है. इसके पीछे डॉक्टर और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है.