नोडल अधिकारी के निरीक्षण से विकास कार्यों की खुली पोल - मऊ में विकास कार्यों में गड़बड़ी
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में नोडल अधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम तीन दिवसीय दौरे पर जनपद में हैं. इस दौरान धड़ाधड़ निरीक्षण कर रहे हैं. कई स्थानों पर विकास कार्यों में गड़बड़ी मिली है.
विकास कार्यों की खुली पोल
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Published : Dec 29, 2020, 9:43 AM IST
मऊः नोडल अधिकारी ने मऊ जिले में दौरा करना शुरू किया तो विकास कार्यों के दावों की पोल खुल गई. गड़बड़ी दिखाई देने पर 33 ग्राम पंचायतों की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.
नोडल अधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम निकले निरीक्षण पर
तीन दिवसीय दौरा नोडल अधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम तीन दिवसीय दौरे पर जनपद में हैं. इस दौरान धड़ाधड़ निरीक्षण कर रहे हैं. खासतौर पर जहां ग्रामीण विकास और किसान प्रमुखता पर हैं, वहां पूरी सतर्कता से जांच की जा रही है. नोडल अधिकारी जहां निरीक्षण कर रहें हैं वहीं आदेश भी जारी कर रहे हैं.देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठककर ग्राम विकास की खराब प्रगति पर अधिकारियों की क्लास भी लगा रहे हैं. सोमवार की देर रात बैठक में उन्होंने जनपद के 33 ग्राम पंचायतों की जांच के आदेश दिए. नोडल अधिकारी के आदेश के बाद जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने प्रति ब्लाक दो-तीन ग्राम पंचायतों व गौशालों के जांच के आदेश देते हुए जांच रिपोर्ट तलब की है. इसके लिए एक जिला स्तरीय अधिकारी व अभियंताओं की संयुक्त जांच टीम गठित की गई है.
नोडल अधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम की बैठक
नोडल अधिकारी के निरीक्षण से खुल रही विकास की पोल प्रत्येक वर्ष केंद्र सरकार मनरेगा व केंद्रीय वित्त के मद में ग्रामीण विकास के लिए बड़ी धनराशि दे रही है. वहीं प्रदेश सरकार राज्यवित्त में भी ग्राम पंचायतों को बड़ी रकम उपलब्ध करा रही है. इसके बावजूद गांवों का विकास ठिठका हुआ है. पिछले दिनों सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों के आय-व्यय का जांच के आदेश दिए हैं. इसी के तहत जनपद भ्रमण पर आए नोडल अधिकारी ने ग्राम पंचायतों की जांच के आदेश दे दिए. इसके लिए बकायदा जिला स्तरीय अधिकारी व अभियंताओं की जांच टीम गठित की गई है. जांच टीम गांवों में पहुंचकर जांच में जुट गई.
गो-आश्रयों की पता चलेगी हकीकत नोडल अधिकारी ने मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के सरया गो आश्रय का निरीक्षण किया. इसमें बड़ी अनियमितता मिली थी. इसके आधार पर नोडल अधिकारी ने जनपद के 13 गो आश्रयों की जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारी और अभियंताओं की संयुक्त टीम लगाई गई है. अगर निष्पक्ष जांच हुई तो बेसहारा पशुओं के रखरखाव के नाम पर जनपद में बड़ा घोटाला सामने आएगा.