मऊ : सूबे की योगी सरकार गरीबों को मुफ्त में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के तमाम दावा करती है, लेकिन जमीनी हालात दावे से इतर है. प्रदेश के अस्पतालों की हालत यह है कि डॉक्टर हैं तो दवा नहीं, दवा है तो डॉक्टर नहीं. अस्पताल में हैं तो सिर्फ पीड़ित मरीज, दर्द से कराहता व्यक्ति.
जिला अस्पताल का कराहता सिस्टम
- मामला मऊ जनपद के जिला चिकित्सालय का है. जहां पर डॉक्टर हैं लेकिन दवा नहीं है.
- एंटी रैबीज विभाग के पास 28 फरवरी से इंजेक्शन नहीं है. इसके कारण वार्ड में ताला लटक रहा है.
- पीड़ित व्यक्ति गांव से अस्पताल की दूरी तय कर इलाज कराने के लिए आता है, लेकिन उसे निराश होकर वापस घर लौटना पड़ रहा हैं.
- पीड़ित व्यक्ति है रामनरेश राजभर जिन्हें कुत्ते ने काटा है.
- एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए 15 किलोमीटर दूर बहादुरगंज से आए हैं.
- 26 फरवरी को पहला इंजेक्शन लगा था उसके बाद 29 को लगाना था लेकिन 28 फरवरी को ही इंजेक्शन खत्म हो गया.