मऊ:भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा स्थापित जिले के कुशमौर स्थित राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो एनबीएआईएम को अब अंतरराष्ट्रीय संग्रहण प्राधिकरण (आईडीए) का दर्जा मिला है. जो जनपद ही नहीं, पूरे देश के लिए बड़ी खुशखबरी का विषय है.
मऊ: एनबीएआईएम को मिला अंतरराष्ट्रीय संग्रहण प्राधिकरण का दर्जा - मऊ की खबर
यूपी के मऊ स्थित राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो को अंतरराष्ट्रीय संग्रहण प्राधिकरण का दर्जा मिला है. यह देश का तीसरा और विश्व का 48वां केंद्र बन गया है.
![मऊ: एनबीएआईएम को मिला अंतरराष्ट्रीय संग्रहण प्राधिकरण का दर्जा राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-06:10:11:1596328811-up-mau-01-nbaim-photo-up10040-01082020202425-0108f-1596293665-968.jpg)
एनबीएआईएम के निदेशक डॉ. एके सक्सेना ने बताया कि ब्यूरो ने इस मान्यता के लिए बीते दिसंबर माह में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के माध्यम से आवेदन किया था. विश्व स्तरीय संस्थानों के मानक पर खरा पाते हुए वाइपो ने ब्यूरो को मान्यता प्रदान कर दिया है. हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 1977 में बौद्धिक संपदा के संरक्षण के लिए हुई अंतरराष्ट्रीय संधि में भारत समेत विश्व के कुल 82 देश शामिल हुए थे. यह संधि 1980 में लागू हुई. इसके तहत सूक्ष्मजीवों पर काम करने वाले 26 देशों के अब तक 47 संस्थानों को यह मान्यता मिली थी. एनबीएआईएम अब इस समूह का 48वां संस्थान बन गया है. आईडीए के दर्जा वाले माइक्रोबियल संसाधन केन्द्र मुख्य रूप से चिकित्सा, कृषि और अन्य उपयोग वाले सूक्ष्मजीवों के पेटेंट संबंधित कार्य हेतु सूक्ष्मजीवों को स्वीकार करते हैं और उनका अनुरक्षण करते हैं.
बौद्धिक जैव संपदा संग्रहण के कार्यों और उपलब्धियों की नियंत्रक अंतरराष्ट्रीय संस्था विश्व बौद्धिक संपदा संगठन वाइपो द्वारा जेनेवा के बुडापोस्ट संधि के अनुच्छेद 7-1 के तहत यह मान्यता प्रदान की है. यह राष्ट्रीय संस्थान देश का तीसरा व विश्व के 26 देशों में 48वां आईडीए दर्जा प्राप्त संस्थान बन गया है. 28 जुलाई को ही यह विश्व स्तरीय उपलब्धि हासिल होने से ब्यूरो के वैज्ञानिकों तथा शोधार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है.