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Published : Aug 1, 2020, 5:52 PM IST

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मऊ: घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर, तटीय गांवों में घुसा पानी

मॉनसून में तेज बरसात से यूपी के मऊ में घाघरा नदी उफान पर है. कई जगहों पर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं नेपाल से 2.48 क्यूसेक पानी छोड़ने से हालात और खराब हो गए हैं. पानी के लगातार खेतों में जमा होने से फसलें लगभग सड़ गई हैं.

तटीय गांवों में घुसा पानी
तटीय गांवों में घुसा पानी

मऊ:मैदानी इलाकों सहित पहाड़ों पर मूसलधार बारिश हो रही है. इससे घाघरा का जलस्तर बढ़ रहा था. इस बीच दो दिन पूर्व नेपाल द्वारा छोड़े गए 2.48 लाख क्यूसेक पानी से घाघरा नदी उफना गई. शुक्रवार की भोर से ही जलस्तर में शुरू हुई बढ़ोतरी देर शाम तक जारी रही. नदी शुक्रवार को अलसुबह आठ बजे ही गौरीशंकर घाट पर बने लाल निशान पर आ गई.

शाम चार बजे तक जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया. चौथी बार घाघरा के लाल निशान पार करने से एक बार फिर बाढ़ का पानी निचले इलाकों में फैलने लगा. गांवों में नाव चलने लगी हैं. वहीं किसान फसलों को लेकर चिंतित हैं. घाघरा नदी चौथी बार लाल निशान को पार कर गई है. इससे निचले इलाकों में तबाही का मंजर शुरू हो गया है. घटते-बढ़ते जलस्तर से नवली के समीप घाघरा में कटान शुरू हो गई है. ठोकर नंबर एक पर नदी का दबाव बना हुआ है. इससे कृषि योग्य भूमि नदी में कटता जा रहा है.

घाघरा की उफनती लहरें घाघरा पुल के वन क्षेत्र को लील रही हैं. नदवा ताल, पतनई ताल, पाऊस ताल, कोरौली ताल सहित आधा दर्जन तालों में पानी ऊपर से बह रहा है. घाघरा नदी का जलस्तर शनिवार को प्रात: 8:00 बजे 70.86 मीटर, 12:00 बजे 70.98 मीटर, 4:00 बजे 71.10 मीटर पहुंच गया था. वहीं खतरा बिदु 70.40 मीटर है. गौरीशंकर घाट पर घाघरा का जलस्तर प्रात: 8 बजे 69.90, 12 बजे दोपहर को 69.98, 4 बजे शाम को 70.10 मीटर है, जबकि इस घाट पर खतरा बिदु 69.90 मीटर पर है.

इस बढ़ते जलस्तर से फसलें जलमग्न हो गई हैं. बांध का रेगुलेटर बंद है. बरसात का पानी जगह-जगह जाम है. इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. घाघरा के तलहटी की फसल 20 दिन से बाढ़ के पानी में डूबने के कारण सड़ गई हैं. मात्र गन्ने की फसल बची हुई है. वह भी पानी में डूबी हुई है. अगर पानी कम नहीं हुआ, तो वह भी पीली पड़ जाएगा.

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