मऊ: जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत समस्त विकास खंडों और ब्लॉक के समस्त सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया से बचाव और रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो परजीवी रोगाणु से होती है. इसे प्लाज्मोडियम कहते हैं और यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. यह कीटाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं, जिसके कारण मलेरिया होता है. सीएमओ ने मलेरिया के लक्षण के बारे में बताया कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है. मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है. मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगनी, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना और शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन और मलेरिया होने के पश्चात रोगी के शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं. इसकी निशुल्क जांच और इलाज विशेषज्ञ जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं.
हर रविवार मच्छर पर वार