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मऊ जिले में भी टिड्डी दल ने दी दस्तक - टिड्डियों का हमला

प्रदेश के कई जिलों में हमला बोलने के बाद अब टिड्डियों का दल यूपी के मऊ जिले पहुंच गया है. टिड्डी दल के पहुंचने के बाद से किसानों में अफरा-तफरी का माहौल है, जो अपनी फसलों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं.

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टिड्डी दल का आतंक

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Published : Jun 27, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 4:09 PM IST

मऊ: प्रदेश भर के बाद अब टिड्डी दल ने जिले में भी दस्तक दे दी है. शुक्रवार को देखते ही देखते पूरा आसमान टिड्डियों से पट गया. टिड्डियों का पहला दल आजमगढ़ जनपद की ओर से आया, जो मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के करहां, रानीपुर, काझा होते हुए गाजीपुर जनपद की ओर निकल गया. जबकि दूसरा दल घाघरा नदी के किनारे आजमगढ़ की ओर से आया और नदी का छोर पकड़े हुए गोरखपुर की ओर चला गया.

टिड्डियों के कुछ दल ने मुहम्मदाबाद गोहना के बरामदपुर से कई किलोमीटर के दायरे में अपना डेरा डाल दिया. जनपद में टिड्डियों के दल का हमला होने से किसानों और प्रशासन में हड़कंप मचा है.

गाजीपुर जनपद की ओर गईं टिड्डियां
कृषि विभाग के उपनिदेशक एस. श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को सबसे पहले करहां में टिड्डी दल ने दस्तक दी. टिड्डियों को देखने के लिए लोगों की निगाहें आसमान पर ही टिकी रहीं. लेकिन टिड्डी दल आसमान में उड़ते हुए रानीपुर, काझा होते हुए मंसड़ी के बाद गाजीपुर जनपद की सीमा में प्रवेश कर गया.

थोड़ी ही देर बाद दोहरी घाट में घाघरा नदी के किनारे आजमगढ़ की तरफ से दूसरे टिड्डी दल ने जनपद में प्रवेश किया. यह दल भी आसमान में उड़ते हुए गोरखपुर की ओर चले गए.

लाखों की संख्या में टिड्डियों का झुंड बरामदपुर सहित आसमान में कई किलोमीटर के दायरे में जमीन पर उतर आया. पेड़ों पर, मैदानों में, फसलों पर, सड़कों किनारे और खेतों में उगी घास, टिड्डियों के समूह से पट गए.

फसलों को नुकसान का खतरा
टिड्डियों के दल के आने से फसलों के बर्बाद होने की संभावना प्रबल हो गई है. अगर इस दल ने डेरा डाले रखा तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं किसानों को डर है कि लगाई गई सब्जियां, बाजरा, धान के बेहन सहित सभी फसलें टिड्डियों का दल चट कर जाएंगा. टिड्डियों की समस्या का अगर जल्द निदान न किया गया तो कोरोना वायरस के दौरान लगे लॉकडाउन से परेशान किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी.

टिड्डी दल को भगाने के इंतजाम
कृषि विभाग के उपनिदेशक एस. श्रीवास्तव ने बताया कि टिड्डियों को भगाने के लिए टिन, डिब्बे, थाली, सीटी की तेज आवाज कारगर है. टिड्डी को भगाने में इसका उपयोग किया जाए. इसके लिए सभी ब्लाकों में गठित टीम को सक्रिय कर दिया गया है. दरअसल दिन में टिड्डी दल गतिशील रहते हैं, इसलिए छिड़काव करना उचित नहीं होता. रात में क्लोरोपाइरिफास का छिड़काव किया जाएगा.

Last Updated : Jun 27, 2020, 4:09 PM IST

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