मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस कारण जिले के शहरी इलाकों में 15 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस लॉकडाउन में आवश्यक सेवाएं भी पूरी तरह बंद हैं. जिला प्रशासन ने लोगों की जरूरत के लिए कुछ मेडिकल और किराने की दुकानें खोलने की अनुमति दी है. बाजार बंद होने से जहां आम जनता परेशान है, वहीं दिहाड़ी कामगारों के लिए रोटी का संकट है. ऐसे हालात में जिला प्रशासन राहत के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. रोज कमाने रोज खाने वालों के ऊपर लॉकडाउन बढ़ने की वजह से दोहरी मार पड़ रही है.
मऊ जिले में कुल 175 संक्रमितों में 145 एक्टिव केस हैं, जिसमें अधिकतर शहरी क्षेत्र से हैं. ऐसे हालात में जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने शहरी इलाकों में 6 जुलाई से 20 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन किया है. जिले में सख्त लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी कामगारों की जीविका पर संकट के बादल छा गए हैं. शहरी क्षेत्र बंद होने से रिक्शा चालक रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
लोगों के सामने रोजी का संकट
इस लॉकडाउन में रेहड़ी और ढेले वालों के लिए भी बड़ी समस्या है. शहर में इन्हें दुकाने लगाने से मना कर दिया गया है. ऐसे में ये अपनी रोजी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही डांवाडोल है. अब 15 दिन के लॉकडाउन के कारण लोगों को और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कॉस्मेटिक स्टोर चलाने वाले मनोज के सामने भी परेशानी है, उन्हें अपनी दुकान बंद रखनी पड़ रही है.