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प्रधानाचार्य की पहल, कायाकल्प से बदल गई सरकारी स्कूल की सूरत - मऊ समाचार

मऊ जिले के पहाड़पुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय ने आज अपनी अलग ही पहचान बना ली है. पहाड़पुर प्राथमिक स्कूल का कायाकल्प इस तरह का हो गया है कि उसने आस-पास के कॉन्वेंट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया हैं. यह विद्यालय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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Published : Dec 24, 2020, 5:38 PM IST

मऊ: जिले के परदहां विकासखंड में स्थित प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर के प्रधानाचार्य श्रीनिवास सिंह ने उन्होंने गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से परिषदीय विद्यालय का कायाकल्प कर दिया है. पहाड़पुर प्राथमिक स्कूल का कायाकल्प इस तरह का हो गया है कि उसने आस-पास के कॉन्वेंट स्कूल को भी पीछे छोड़ दिया हैं. यह विद्यालय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां पर गरीब बच्चों को शिक्षा किसी भी कान्वेंट स्कूल से बेहतर तरीके से दी जाती है. आधुनिक तकनीकी को अपनाकर बच्चों को विभिन्न पाठ्यक्रमों को सिखाया जाता है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही विद्यालय परिसर को भी हरा भरा और सुंदरीकरण किया गया है.

इस विद्यालय में कॉन्वेंट स्कूल जैसी सुविधाएं हैं
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे गरीब मजदूर परिवार से आते हैं. इनको अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए सरकार तमाम सुविधाएं दी जा रही है, लेकिन जिसके कंधे क्रियान्वयन की जिम्मेदार वही गंभीर नहीं रहता है, जिससे परिषदीय विद्यालयों की स्थिति निराशाजनक है, लेकिन मऊ के सबसे पिछड़े क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर में ऐसा नहीं है. पहाड़पुर गांव का स्कूल अपनी सुंदरता के लिए जाना जाने लगा है. आधुनिक तकनीकी से रोचकतापूर्ण शिक्षा देने के लिए गिने चुने विद्यालयों में प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर सुमार है. इस विद्यालय को इतनी उपलब्धि यहां के प्रधानाचार्य श्रीनिवास सिंह के शिक्षा के प्रति समर्पण भाव से मिला है. गरीब परिवार के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसी को ध्यान में रखते हुए पूरे विद्यालय का कायाकल्प किया गया है.

इस विद्यालय में जिले के किसी भी प्रतिष्ठित कॉन्वेंट स्कूल से कम सुविधाएं नही है. यहां पर जहां कंप्यूटरकृत क्लास रूम है, तो वही इंटरनेट की व्यवस्था भी हैं. आधुनिक तकनीकी सीसीटीवी, प्रोजेक्टर कम्यूटर से सुसज्जित इस विद्यालय का कोना-कोना चमकता दिखाई देता है.

वेतन का 5 हजार स्कूल के लिए
प्रधानाध्यापक श्रीनिवास सिंह स बताते हैं कि "जब 2016 में विद्यालय का प्रभार मुझे मिला, मैं प्रधानाध्यापक बना तभी से विद्यालय के कायाकल्प के प्रति अपने कदम तेजी से बढ़ाने शुरू कर दिए. मेरा एक ही उद्देश्य है कि गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले. इसके लिए मुझसे जितना हो पाता है उतना करता हूं. ग्रामीणों और शिक्षक साथियों का साथ मिला तो शैक्षणिक माहौल तो बेहतर बनाने का काम और तेज हो गया." श्रीनिवास सिंह बताते हैं कि "शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए संसाधनों की जो जरूरत है उसके लिए सरकारी बजट नाकाफ़ी है. ऐसे में मैने तय किया कि अपने वेतन से ही 5 हजार रुपए प्रति माह निकालकर स्कूल को संवारा जाए. क्योंकि शिक्षक की नौकरी से ही हम लोग अच्छा वेतन पाते हैं, तो क्यों न गरीब के बच्चो को पढ़ाने के लिए स्कूल का कायाकल्प किया जाए. विद्यालय के पूरी टीम ने साथ वेतन दिया तो आज स्कूल ने जिले में अपनी अलग पहचान बना ली.

घर पहुंच कर बच्चों को पढ़ाते शिक्षक
कोरोना में भी नही रुका कदम, घर घर पहुंच रहे शिक्षककोरोना में बच्चो का स्कूल जाना सख़्त मना है. ऐसे में पहाड़पुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई रुकी नहीं. शिक्षक गांव और गांव से बाहर बसे बस्तियों में जाकर बच्चों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं. शिक्षक अमित सिंह ने बताया कि "गांव में जाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बच्चो को एकत्रित करके पढ़ाया जा रहा है. बच्चों को सरकार द्वारा मिल रहे ड्रेस, स्वेटर और राशन को दिया जा रहा है साथ ही साथ उनके पढ़ाई की क्रमबद्धता को जारी रखने के लिए कम्युनिटी क्लास जारी है.

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