मऊ : सरकार जहां आम जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं प्रदेश में तमाम सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. जिले का महिला अस्पताल भी महीनों से डॉक्टरों की बाट जोह रहा है. अस्पताल के निरीक्षण पर आई राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी के सामने भी डॉक्टरों की कमी की बात रखी गई.
मऊ : जिला महिला अस्पताल में ही नदारद है महिला रोग विशेषज्ञ - यूपी न्यूज
यह आश्चर्य की बात है कि महिला अस्पताल में ही महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है. अस्पताल के सीएमएस को शासन को पत्र लिखकर गायनेकोलॉजिस्ट, डॉक्टर या नर्स की मांग करनी चाहिए.
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने महिला अस्पताल का निरीक्षण कर मरीजों से सुविधाओं की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की संख्या बहुत कम रही, जिसका कारण अस्पताल में डॉक्टरों की अभाव होना बताया जाता है. औचक निरीक्षण के समय ओपीडी का समय समाप्त हो चुका था, जिस कारण मौके पर चिकित्सक भी नहीं पाए गए. प्रभारी सीएमएस से पूछताछ में अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ न होने की बात भी बताई गई. इसपर महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की. प्रभारी सीएमएस ने उपाध्यक्ष को बताया कि अस्पताल में महिला चिकित्साधिकारी (एलएमओ) डॉ. रीमा ही महिला मरीजों को देखती हैं.
वहीं उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने कहा कि अस्पताल की बिल्डिंग नई है, लेकिन साफ-सफाई का स्तर ठीक नहीं है. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में डॉक्टरों की कमी पाई गई है. यह आश्चर्य की बात है कि महिला अस्पताल में ही महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है. अस्पताल के सीएमएस को शासन को पत्र लिखकर गायनेकोलॉजिस्ट, डॉक्टर या नर्स की मांग करनीचाहिए. सीएमएस से बात करके इस मुद्दे से शासन को अवगत कराया जाएगा. बता दें कि पिछले महीने भी राज्य महिला आयोग की सदस्या शशि मौर्य ने महिला अस्पताल का निरीक्षण किया था. तब भी सीएमएस द्वारा अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की बात बताई गई थी. इसके बावजूद भी अब तक इस दिशा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.