मऊ: राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन उत्तर प्रदेश ने जिलाधिकारी से मिशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में कराए गए कार्य का भुगतान कराने का अनुरोध किया है. संगठन ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा है. ग्राम प्रधानों ने कहा कि 25 दिसंबर 2020 को शासन ने ग्राम पंचायत को भंग कर दिया है. ऐसे में कराए गए कार्य का अभी तक भुगतान नहीं हो सका है. इससे वे लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
ग्राम प्रधान संगठन ने जिलाधिकारी से मांगा भुगतान, जानें कैसे फंसा उनका धन
मिशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में कराए गए काम में हुए खर्च का भुगतान करने की मांग ग्राम प्रधान संगठन ने की है. संगठन का कहना है कि 25 दिसंबर 2020 को शासन ने ग्राम पंचायत को भंग कर दिया. ऐसे में कराए गए कार्य का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है.
नहीं तो करेंगे आंदोलन
जिलाध्यक्ष विवेकानंद यादव ने कहा कि शासन ने चुनाव कराए बिना ही ग्राम पंचायत को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति कर दी है. इसस पहले ग्राम प्रधानों ने मिशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में 14 वें वित्त आयोग और 15 वें वित्त आयोग की राशि से काम कराया था. इसमें लाखों रुपये खर्च हुए थे. पंचायत भंग हो जाने के कारण इस राशि का भुगतान नहीं हो सका. निर्माण कार्य के लिए सामान देने वाले दुकानदार अपने पैसे लेने के लिए घर आ रहे हैं. प्रधानों ने कहा कि शासन ने दबाव बनाकर काम तो करा लिया, लेकिन अब भुगतान करने की बारी आई तो प्रशासक की नियुक्ति हो गई. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से अनुरोध है कि निर्माण में खर्च हुई धनराशि का जल्द से जल्द भुगतान कराया जाए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे लोग आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.