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मऊ: अधिक बारिश से बर्बाद हुई धान की फसल, आपदा राहत की मांग कर रहे किसान

उत्तर प्रदेश के मऊ में आयोजित हुए किसान दिवस में किसानों ने आपदा राहत जारी करने की मांग की है. भारी बारिश के कारण फसल की बर्बादी पर किसानों को सम्मान निधि का पैसा न भेजे जाने और निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर खाद बेचे जाने के खिलाफ आवाज उठाई.

आपदा राहत की मांग कर रहे किसान.

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Published : Jul 18, 2019, 1:29 PM IST

मऊ: पिछले सप्ताह लगातार हुई बारिश से यूपी के विभिन्न जिलों में किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. जनपद मऊ में आयोजित हुए किसान दिवस में किसानों ने आपदा राहत जारी करने की मांग की है. साथ ही किसानों ने सम्मान निधि से वंचित ज्यादातर किसानों को जल्द पैसा न भेजे जाने और निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर खाद बेचे जाने के खिलाफ आवाज उठाई.

आपदा राहत की मांग कर रहे किसान.

फसल की बर्बादी पर किसान नेता ने कहा

  • विकास भवन सभागार में आयोजित हुए किसान दिवस में दोहरी घाट के कुछ पीसीएफ केन्द्रों के जर्जर भवन को मरम्मत कराने की मांग की गई.
  • किसान नेता राकेश सिंह ने बताया कि पिछले सप्ताह में लगातार भारी वर्षा हुई, धान की नर्सरी और फसल डूब जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
  • उन्होंने बताया कि औसतन एक किसान को 20 हजार रुपये प्रति बीघे का नुकसान हुआ है.
  • इस स्थिति को आपदा मानते हुए आज की बैठक में किसानों ने मांग की है कि जिलाधिकारी किसानों को तहसील स्तर से आपदा राहत का पैसा जारी करें.

किसान सम्मान निधि पर कृषि उप निदेशक ने क्या कुछ कहा

  • चुनाव के पहले लगभग 1 लाख 97 हजार किसानों का पंजीकरण किया गया था.
  • जिसमें से 1 लाख 78 हजार किसानों का डाटा केन्द्र सरकार को भेजा गया था.
  • सरकार ने 98 हजार किसानों के खाते में योजना की धनराशि भेज दी थी.
  • चुनावी आचार संहिता लगने के कारण बड़ी संख्या में किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया था.
  • ऐसे किसान जिन्हें भटकना पड़ रहा है वो अपना आधार संख्या और बैंक खाता विवरण लेकर राजकीय कृषि बीज भण्डार या तहसील से अपने डेटा फीडिंग की स्थिति जान सकते हैं.
  • जिन किसानों की डाटा फीडिंग नहीं हुई है वो आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति, कृषि भूमि सम्बन्धी विवरण को लेकर लेखपाल या तहसील में सम्पर्क कर फीडिंग करा सकते हैं.
  • 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत फसल बीमित किया जाता है.
  • इस दौरान जिन किसानों की फसल बीमित है, उनका टीम बनाकर सर्वेक्षण कराया जाएगा और क्षतिपूर्ति दिलाई जाएगी.

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