मऊ: कोरोना के बढ़ते संक्रमण से जनपद के लगभग 5600 छात्रों का भविष्य अधर में है. इसको लेकर मंत्रालय और अंग्रेजी मीडियम के दोनों बोर्ड सीबीएसई ओर आईसीएसई रोज नए फरमान जारी कर रहे हैं, जिसको लेकर छात्र और अभिभावक दोनों बहुत तनाव में हैं. दोनों का मानना है कि एक बार फैसला हो जाए कि लॉकडाउन से रूकी परीक्षाएं होंगी या इंटरनल असेसमेंट के माध्यम से पास किया जाएगा. छात्र न तो आगे की पढ़ाई कर पा रहे हैं और न ही उन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जिन्हें अभी देना बाकी है.
मऊ में छात्रों के सामने बोर्ड परीक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति
यूपी के मऊ में 5600 छात्रों का भविष्य अधर में है. लॉकडाउन की वजह से कक्षा 10 और 12 की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन की वजह से बाधित हो गई हैं. इसके बाद जुलाई महीने में परीक्षाओं की तारीख घोषित की गईं. वहीं 2 दिन पहले विद्यालय द्वारा एक फरमान जारी किया गया कि छात्र अपना सहमति पत्र भरकर विद्यालय को दें.
जनपद में सरकारी और निजी 26 सीबीएसई बोर्ड के विद्यालय हैं. इसके साथ ही दो आईसीएसई बोर्ड के विद्यालय हैं. कक्षा 10 और 12 की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन की वजह से बाधित हो गई हैं. इसके बाद जुलाई महीने में परीक्षाओं की तारीख घोषित की गईं. वहीं 2 दिन पहले विद्यालय द्वारा एक फरमान जारी किया गया कि छात्र अपना सहमति पत्र भरकर विद्यालय को दें. सहमति पत्र पर छात्र राय दें कि वे परीक्षा चाहते हैं या इंटरनल एसेसमेंट के माध्यम से पास होना चाहते हैं. इसी को लेकर गुरुवार को छात्र और अभिभावक आईसीएसई बोर्ड के विद्यालय फातिमा स्कूल में सहमति पत्र देने पहुंचे थे.
दसवीं के छात्र राज्यवर्धन सिंह ने बताया कि पिछले 3 माह से परीक्षा को लेकर तनाव बना हुआ है. अभिभावक राम जयसवाल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना से हमारे बच्चों के भविष्य पर प्रभाव पड़ रहा है. संस्थान या मंत्रालय भी परीक्षा को लेकर एक निर्णय लेकर फैसला कर देता तो रास्ता साफ हो जाता है, ताकि बच्चे आगे की पढ़ाई कर सकें.