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मऊ: पाकिस्तानी नंबर से व्यापारी को मिली जान से मारने की धमकी - lal bihari gupta

मऊ में पकड़ी मोड़ के रहने वाले दवा व्यवसायी लाल बिहारी गुप्ता को पाकिस्तान के नम्बर से कॉल करके एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. फोन करने वाले ने पैसे न देने पर गोली मारने की भी धमकी दी.

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Published : Mar 27, 2019, 5:22 PM IST

मऊ: पिछले कुछ दिनों से जनपद के घोसी नगर क्षेत्र के व्यापारियों में भय का माहौल बना हुआ है. पकड़ी मोड़ के रहने वाले दवा व्यवसायी लाल बिहारी गुप्ता को पाकिस्तान के नम्बर से कॉल करके एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. फोन करने वाले ने पैसे न देने पर गोली मारने की भी धमकी दी. इस मामले में कोतवाली थाने में अभियोग दर्ज कर लिया गया है. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर पीड़ित के घर दो पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं.

थोक व फुटकर दवा कारोबारी लाल बिहारी गुप्ता घोसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार रात 11 बजकर 18 मिनट पर उनके मोबाइल पर एक अनजान व्यक्ति ने कॉल की, जिसे उनके भाई विपिन ने उठाया. फोन करने वाले ने बताया कि वह दुबई से बोल रहा और एक करोड़ की रंगदारी मांगी. अगले दिन 12 बजे तक पैसे नहीं देने पर दुकान पर ही गोली मारकर हत्या करने की धमकी दी, जिसके बाद लाल बिहारी ने अपने भाइयों के साथ कोतवाली थाने पहुंच कर इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है.

पाकिस्तानी नम्बर से व्यापारी के पास आई कॉल.

बीस मिनट में आठ बार आई कॉल

लाल बिहारी के मोबाइल पर बीस मिनट में आठ बार +92170212 नम्बर से कॉल आई, जिसमें दो कॉल में लगभग तीन मिनट बातचीत हुई. अगले दिन सुबह लाल बिहारी के पड़ोस की मेडिकल दुकान के मालिक अजय गुप्ता ने बताया कि उनको भी उसी नम्बर से रात 11 बजकर 10 मिनट पर कॉल करके गाली दी जा रही थी, जिस पर उन्होंने फोन काट दिया था. मामले को लेकर व्यापारी और उनका परिवार डरा हुआ है और पुलिस से जल्द ही बदमाशों को पकड़ने की मांग की है.

अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस

अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि व्यापारियों को इन्टरनेट के जरिए कॉल आई थी. छह अंकों के नम्बर में +92 कोड पाकिस्तान का है. उन्होंने कहा कि यह रंगदारी और धमकी का मामला है. प्रकरण में अभियोग दर्ज कर लिया गया है. सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मियों को पीड़ित के घर पर तैनात कर दिया गया है. इंटरनेट सर्विलांस के जरिए अपराधियों का पता लगाया जा रहा है.

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