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निराश्रित गोवंशों के लिए बढ़ाई जाएगी सहायता राशि: अनिल राजभर - Beneficiary camp organized

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में लाभार्थी शिविर का आयोजन किया गया. आयोजन के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर सरकार की योजनाओं का गुणगान करते दिखे.

लाभार्थी शिविर का आयोजन.

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Published : Sep 14, 2019, 3:16 PM IST

मऊ:जनपद में कोपागंज ब्लॉक परिसर में डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में लाभार्थी शिविर का आयोजन किया गया. इस आयोजन में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का बखान करते दिखाई दिए. कैबिनेट मंत्री ने विभिन्न गांवों से आए इंदिरा आवास के लाभार्थियों को आवास स्वीकृति प्रमाण पत्र भी वितरित किया.

लाभार्थी शिविर का आयोजन.

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव में जन चौपाल लगाकर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने को निर्देशित किया. अनिल राजभर ने कहा कि निराश्रित गोवंशों के लिए सहायता राशि को भविष्य में 9 सौ से बढ़ाकर 15 सौ रुपए किया जा सकता है. किसानों से आग्रह है कि वह अपने पशुओं को न छोड़ें बल्कि उनकी देख-रेख करें.

लोगों को मिल रहा सरकार की योजना का लाभ
अनिल राजभर ने कहा कि पूर्व में सरकारों द्वारा संचालित योजनाए धरातल पर पहुंचने से पहले लूट का शिकार हो जाती या दम तोड़ देती थीं लेकिन आज ऐसा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा अब तक लगभग 220 से अधिक योजनाए संचालित हुईं. योजनाओं का लाभ सीधे प्रदेश की जनता को मिल रहा है. इसमें आवास, शौचालय, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला गैस योजना, कृषि किसान बीमा योजना सहित तमाम योजनाए हैं, जिसके चलते आज प्रदेश में अमीरी-गरीबी का भेदभाव मिट गया है. उन्होंने कहा कि किसी गांव या मोहल्ले में कोई भयंकर बीमारियों से ग्रसित हो जिसके इलाज में 50 लाख से अधिक खर्च हो तो मुझसे या जिले के किसी कार्यकर्ता से मिले. निश्चित उसका इलाज होगा और उसका एक रुपया खर्च नहीं होगा.

कैबिनेट मंत्री ने मीडिया को दी जानकारी
मीडिया से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आज कैंप लगाकर सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया गया. साथ ही आवास योजना के पात्रों को प्रमाण-पत्र वितरित किया गया. निराश्रित गोवंशों द्वारा हो रहे फसल के नुकसान के सवाल पर कहा कि लोग अपने पशुओं को न छोड़ें. निराश्रित पशुओं के भरण-पोषण के लिए सरकार ने व्यवस्था कर दी है, जिसके तहत कम से कम तीन निराश्रित पशु एक किसान रख सकता है.

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