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मऊः वैध शस्त्र लाइसेंस की जांच, अवैध पाए जाने पर होगी कार्रवाई

यूपी के मऊ में जिला प्रशासन लाइसेंसी शस्त्रों की जांच कर रही है. जांच में लाइसेंस के कागजात और शस्त्र धारक की पहचान को पुष्ट किया जा रहा है. पिछलों दिनों अवैध शस्त्र लाइसेंस के खेल का खुलासा होने पर जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

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Published : Jan 24, 2020, 6:59 PM IST

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शस्त्र लाइसेंस की जांच.

मऊः पिछले दिनों सदर विधानसभा के बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के लेटर पैड पर 4 फर्जी शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए थे. मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने विधायक सहित अन्य दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. साथ ही 2 लोगों को जेल भेजने की कार्रवाई भी की है. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने जनपद के सभी शस्त्र लाइसेंस का वेरिफिकेशन कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान के तहत पुलिस लाइन में पहुंचकर शस्त्र लाइसेंसधारी अपना वेरिफिकेशन करा रहे हैं.

शस्त्र लाइसेंस की जांच.

कुछ दिन पहले ही दक्षिण टोला थाना क्षेत्र में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लेटर पैड पर चार शस्त्रों की सिफारिश की गई थी. चारों लाइसेंसधारी मऊ जनपद के निवासी नहीं है. उक्त प्रकरण में सभी शस्त्रधारक, तत्कालीन थाना प्रभारी और लेखपाल के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था. उसके बाद ही जिला प्रशासन ने जनपद के सभी शस्त्र और लाइसेंस के सत्यापन का अभियान चलाया है.

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इस पूरे प्रकरण पर पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पूरे जनपद में लगभग 6500 शस्त्र निर्गत हैं. सभी का सत्यापन कराया जा रहा है. सत्यापन में अगर किसी के खिलाफ कोई आपराधिक इतिहास या फर्जी दस्तावेज प्राप्त होते हैं तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 1000 शस्त्रों का सत्यापन हो चुके हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 30 जनवरी तक समय दिया गया है जो लोग छूटे हुए हैं. उनको फिर एक बार मौका दिया जाएगा.

वहीं शस्त्रधारक अरिजीत सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से अपराध पर अंकुश लगाने के लिए फर्जी तरीके से शस्त्रों को बनवाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. उसी के अनुपालन में शुक्रवार को हम भी अपने शस्त्र का सत्यापन कराने पहुंचे हैं.

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