मऊः जिले के विभिन्न विकास खण्डों में सार्वजनिक या सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के अनेकों मामले सुनने को मिलते रहते हैं, जिनके खिलाफ प्रशासन ने कमर कस ली है. इसी क्रम में डीएम के निर्देश पर कोपागंज विकास खण्ड के सार्वजनिक पोखरी पर हुए अतिक्रमण को प्रशासन ने मुक्त कराया.
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ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ लोगों द्वारा सार्वजनिक पोखरी पर मिट्टी पाट कर अतिक्रमण किया गया था, जिससे गांव के अधिकांश घरों का गंदा पानी पोखरी तक न पहुंच पंचायत भवन के अगल बगल इकट्ठा होता है. इससे न केवल पंचायत भवन जर्जर हो गया है, बल्कि गंदा पानी हमेशा जमा रहने से मुहल्ले में संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बन गई है.
चोरपाकला गांव के लोगों ने संपूर्ण समाधान दिवस के साथ ही मुख्यमंत्री के पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर मामले को गंभीरता लेते हुए जिलाधिकारी ने तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे तहसीलदार, बीडीओ और पुलिस बल ने जेसीबी मशीन लगाकर कब्जे से सार्वजनिक भूमि को मुक्त कराया.
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अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार ओपी पांडेय, खंड विकास अधिकारी रमेश कुमार यादव और ग्राम पंचायत अधिकारी सपना सिंह, पुलिस बल के साथ गांव में पहुंची. प्रशासनिक टीम ने पोखरी की पैमाइश और नाप कराकर जेसीबी मशीन से अतिक्रमण को हटा दिया. शिकायतकर्ता ग्रामीण मनोज ने बताया कि गांव में सार्वजनिक पोखरी पर अतिक्रमण के बारे में उन्होंने एसडीएम को शिकायत दर्ज कराई थी.
तहसीलदार ओपी पाण्डेय ने बताया कि पोखरी पर अवैध अतिक्रमण करने की शिकायत मिली थी. तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी, पुलिस चौकी प्रभारी, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ की उपस्थिति में ग्रामीणों के सामने पोखरी का सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटा दिया गया है.