मऊ:लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को तमाम प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने को वे मजबूर हैं. बुनकर नगरी मऊ में भी सूरत से यात्रा कर 11 दिनों में चार मजदूर अपने गृह जनपद पहुंचे.
मजदूरों को 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा गया. साड़ी कारोबार से जुड़े चारों मजदूर सूरत से 20 अप्रैल को मऊ के लिए पैदल ही निकल पड़े थे. रास्ते में ट्रक वालों ने सहारा दिया, जिसके बाद 11 दिन की लंबी यात्रा तय करने के बाद चारों सही सलामत घर पहुंच गये.
नहीं पाए गए कोरोना के लक्षण
घर पहुंचने से पहले परिजनों को उन्होंने आने की सूचना दे दी थी. परिजनों द्वारा भी प्रशासन के उनके आने की जानकारी दी गयी थी. मजदूरों के आते ही पुलिस ने उनकी मेडिकल टीम के द्वारा जांच कराई. मेडिकल टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उनसे स्वास्थ्य संबंधी कई जानकारी ली, लेकिन उनमें किसी भी प्रकार का कोई कोरोना वायरस का लक्षण नजर नहीं आया.
नगर कोतवाल ने दी जानकारी
नगर कोतवाल राम सिंह ने बताया कि चारों मजदूरों का मेडिकल परीक्षण करा दिया गया है. साथ ही उन्हें 14 दिनों के आइसोलेशन में रखा जा रहा है. वहीं मजदूर आजाद और राकेश कुमार ने बताया कि चारों लोग सूरत में साड़ी बनाने वाली मशीन को चलाने का काम करते हैं.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद काम बंद हो गया. जो रुपये-पैसे थे, वह भी खर्च हो गये. खाने-पीने के साथ कोरोना वायरस का डर सता रहा था, जिस कारण हम सब पैदल ही निकल पड़े और 11 दिनों में अपने गृह जनपद पहुंच गए.
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फिलहाल बड़ी संख्या में मजदूर कई प्रदेशों से अपने घरों के लिए निकल रहे हैं. सरकार द्वारा अपील भी की जा रही है कि वह इतनी लंबी यात्रा करने की जहमत न उठाएं. स्थानीय प्रशासन से मदद लें. इसके अलावा सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर मजदूरों को लाने का प्रबंध किया जा रहा है.