मथुरा:आगामी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) को लेकर जब हमने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें वोट लेने के बाद आतंकवादियों को छोड़ा दिया करती थी. लेकिन हमारी सरकार और पहले की सरकारों में कितना अंतर है कि जो वह 65 से 70 साल में नहीं कर पाए इतना अकेले 5 साल में हमारी सरकार ने प्रदेश में कर दिया. जनता इस बात को जानती है. भारतीय जनता पार्टी पूरे 5 साल इतनी मेहनत करती है जितनी चुनाव में की जानी चाहिए.
जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि पूरे हिंदुस्तान में समस्त मुख्यमंत्रियों में प्रथम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं. पूरे देश में कानून-व्यवस्था सबसे अच्छी उत्तर प्रदेश में है. पूरे देश में हमारा किसी में तेरवा नंबर था, किसी में छठवां था तो किसी में सातवा था. सभी विषयों में उत्तर प्रदेश का दूसरा नंबर हिंदुस्तान में है, इतना आगे हमारा प्रदेश बढ़ा है.
सड़कों का जाल बिछा है. बड़े-बड़े एक्सप्रेस-वे बने हैं. विकास के छह मुद्दे होते हैं. विद्युत, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा ,कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी. इन सभी छह मुद्दों को पूरा करने में हम खरे उतरे. स्वास्थ्य विभाग में यदि हम देखें तो कोरोना में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसा काम पूरे विश्व में कहीं नहीं हुआ. पहले केवल आठ मेडिकल कॉलेज थे. उत्तर प्रदेश में आज 75 जिलों में 75 मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं.
दूसरा नंबर मुफ्त डोज लग रही है. पूरे कोरोना में बिना राशन कार्ड के मुफ्त राशन दिए गए. इसके अलावा रेहड़ी वाले ठेले वाले सब को एक हजार रुपये महीने दिया गया. अब हम अगर विद्युत को देखें तो विद्युत के मामले में करोड़ों कनेक्शन मुफ्त दिए गए हैं. केवल पहले चार जिलों में बिजली आया करती थी. आज पूरे प्रदेश में 18 घंटे बिजली रहती है. जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे रहती है और 22 घंटे तहसील हेडक्वार्टर मे रहती है.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 24 घंटे बिजली रहेगी. हमने विद्युत का काम किया है. अगर हम सड़क के काम को देखें तो सड़क के काम में बस इतना कहना चाहूंगा कि आज खोजने पर भी गड्ढे नहीं मिलेंगे. सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे हमने बनवाएं. पहले सड़कों पर भैंसा बुग्गी चला करती थी. आज उत्तर प्रदेश की सड़कों पर प्रधानमंत्री का हवाई जहाज भी उतरता है, यही हमारी क्वालिटी है.
इसे भी पढ़ें - वाराणसी में एक थीम के चक्कर में सफेद से 'गेरुआ' हुआ मस्जिद, मुस्लिम समुदाय नाराज
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अगर हम शिक्षा को देखते हैं तो मैं इतना कह सकता हूं पहले नकल ठेके पर हुआ करती थी. 6 हजारों रुपये में थर्ड डिवीजन, 8 हजार रुपये में सेकंड डिवीजन, 10 हजार रुपये में फर्स्ट डिवीजन और 12 हजार रुपये में स्पेशल कैटेगरी की नकल कराई जाती थी. आज नकल मुक्त परीक्षा है.