मथुरा बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. मथुरा: बृजवासी और वृंदावन वासियों की पिछले कई सालों से बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की मांग चली आ रही थी, जो कि अब पूरी होगी. सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की हरी झंडी दे दी. कॉरिडोर बनने के बाद 10000 श्रद्धालु एक साथ मंदिर परिसर में दर्शन कर सकेंगे. बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर 5 एकड़ में कॉरिडोर बनाए जाने की योजना है. जिला प्रशासन ने कॉरिडोर को लेकर सभी रूपरेखा तैयार कर ली है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.
5 एकड़ में बनने वाले कॉरिडोर से मिलेंगी तमाम सहूलियतें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की अनुमति प्रदान कर दी है तो वहीं जिला प्रशासन भी अपनी कवायद में जुट चुका है. बता दें कि कॉरिडोर बनाने के लिए सरकार ने 5 एकड़ भूमि अधिकरण की रूपरेखा तैयार की है. इससे आगरा-दिल्ली नोएडा-यमुना एक्सप्रेसवे या फिर आगरा-दिल्ली राजमार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होगी और मंदिर परिसर में एक बार में दस हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकेंगे.
मथुरा बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर संतों में खुशी देखी गई. योजना के तहत मंदिर के होंगे दो तल
प्रस्तावित योजना के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के दो तल होंगे. प्रथम तल 11300 वर्ग मीटर का परिसर होगा, तो वहीं 800 वर्ग मीटर में पूजा स्थल और दुकानें भी बनाई जाएंगी. 3500 वर्ग मीटर में यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय और 800 वर्ग मीटर में लीलाओं के चित्र अंकित किए जाएंगे. 5013 वर्ग मीटर में खुला ग्राउंड दिया जाएगा. इसी क्रम में 800 वर्ग मीटर के गलियारे होंगे, जहां भक्ति गानों की लाइन लगाई जाएगी. 1150 वर्ग मीटर में यात्रियों के लिए एक प्रतीक्षालय और बनाया जाएगा.
द्वितीय तल पर क्या-क्या होगा
वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का द्वितीय तल 10600 वर्ग मीटर में 3.5 मी. ऊंचा बनाया जाएगा. 900 वर्ग मीटर का मंदिर परिसर का परिक्रमा मार्ग भी होगा. 800 वर्ग मीटर का छायाचित्र गलियारा बनाया जाएगा और 1800 वर्ग मीटर में यात्रियों के लिए एक और प्रतीक्षालय बनाया जाएगा. 6580 वर्ग मीटर द्वितीय तल का खुला परिसर होगा.
वर्तमान में 272 मकान दुकान टूटेंगे
वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की रूपरेखा जिला प्रशासन ने तैयार कर ली है और न्यायालय की हरी झंडी भी मिल चुकी है. कुछ ही दिनों में जिला प्रशासन द्वारा तोड़फोड़ शुरू कर दी जाएगी. फिलहाल मंदिर परिसर के पास बने पुराने मकान-दुकान कुल 272 हैं, जिसमें से 149 आवासीय, 66 दुकानें और 57 भवन चिन्हित किए गए हैं. कॉरिडोर बनाने को लेकर इन सभी भवनों और दुकानों को तोड़ा जाएगा.
कुंज गलियों को जोड़ा जाएगा कॉरिडोर से
फिलहाल बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने के लिए दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु का मंदिर परिसर में आगमन होता है. कुंज गलियों में भीड़ अनियंत्रित हो जाती है. इन गलियों को प्रमुख मार्ग कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में काफी आसानी होगी. इधर मंदिर के पास के दुकानदारों में मायूसी है. कहा कि जो बिहारी जी करेंगे, अच्छा ही होगा. हम तो पिछले कई वर्षों से यहां दुकान लगाए बैठे हुए हैं.
कॉरिडोर को लेकर संतों में खुशी की लहर
उमा शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर राम देवानंद सरस्वती ने कहा कि संतों में उत्साह ही नहीं, बल्कि पूरे ब्रज क्षेत्र में खुशी की लहर है. क्योंकि बांके बिहारी मंदिर में हर रोज कोई न कोई घटना घटित हो जाती थी. कॉरिडोर बन रहा है, बहुत अच्छा है. यहां अलग ही व्यवस्था होगी. मंदिर और कुंज गलियों का पुराना अस्तित्व ख़त्म न हो. कर्षिणी नागेंद्र महाराज ने कहा कि बिल्कुल पूरे बृजवासियों की मांग रही थी. वृंदावन मे कोरोना काल के बाद से ही भीड़ का दबाव लगातार बढ़ रहा था. उसको देखते हुए वृंदावन में कॉरिडोर की आवश्यकता बहुत थी. कुंज गलियों का अस्तित्व खत्म न हो, स्थानीय दुकानदारों को उचित मुआवजा देकर कॉरिडोर बनाया जाए.
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