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मथुराः किसान सभा ने की भूख हड़ताल, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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Published : Sep 5, 2020, 2:59 AM IST

यूपी के मथुरा में किसान सभा के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान सभा के सदस्यों ने भूख हड़ताल कर धरना दिया. साथ ही अपनी मांगों को लेकर डीएम को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते यूपी किसान सभा के सदस्य
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते यूपी किसान सभा के सदस्य

मथुराः उत्तर प्रदेश किसान सभा से जुड़े किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को भूख हड़ताल की. साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि, देश में मजदूरों, किसानों और नौजवानों पर संकट दिन-रात बढ़ता जा रहा है. इसके चलते लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं. वहीं नौजवान मजबूरन आपराधिक प्रवृत्ति की तरफ बढ़ने लगे हैं. लोगों के पास घर चलाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं. किसानों ने कहा कि, एक तरफ तो सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे. वहीं दूसरी ओर धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है. सरकार ने जो वादे किए थे. सरकार को वह वादे पूरे करने चाहिए, जिससे लोगों की समस्याएं दूर हो.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते यूपी किसान सभा के सदस्य
  • किसान सभा के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन.
  • किसानों ने का कहा कि मजदूरों, किसानों और नौजवान पर संकट दिन-रात बढ़ रहा.
  • किसानों का आरोप, सरकार ने नहीं पूरे किए अपने वादे.

यूपी किसान सभा ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए भूख हड़ताल कर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. साथ ही किसानों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया.

किसान नेता छीतर सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर संगठन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया. साथ ही डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा.

किसानों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारियों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से सरकार द्वारा पास किए गए किसान और मजदूर विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की. साथ ही कोविड-19 पीड़ितों को साढ़े सात हजार रुपये महीना देने की मांग की. किसानों ने कहा कि, सरकार ने 21 लाख करोड़ रुपये के जिस पैकेज की घोषणा है, उसमें से किसानों, मजदूरों और नौजवानों को हिस्सा मिलना चाहिए. बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए. मजदूरों को 200 दिन का काम और 600 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलनी चाहिए. इसके अलावा किसानों ने छाता चीनी मिल को चालू करने के साथ डीजल-पेट्रोल के दाम कम करने और अन्य जरूरी समानों को टैक्स फ्री करने की मांग की.

'सरकार भूली अपने वादे'

किसानों ने कहा कि सरकार ने उनकी आय दोगुनी करने का वादा किया था. 10 करोड़ नौजवानों को नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन सरकार अपने वादे भूल गई है. इसलिए किसान सभा के सदस्यों ने उन वादों को पूरा कराने के लिए ज्ञापन दिया है.

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