मथुरा : पुलिस ने कांग्रेस की पूर्व सभासद मीरा ठाकुर की हत्या का खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अन्य फरार आरोपियों की भी तलाश में जुटी हुई है. पुलिस के अनुसार पूर्व सभासद मीरा ठाकुर की हत्या मीरा ठाकुर के लड़के के साले ने पारिवारिक रंजिश और जमीनी विवाद को लेकर अपने साथियों के साथ मिलकर की थी. पिछले 8 सालों से मीरा ठाकुर के लड़के और उसके ससुराली जनों के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते साले ने योजना बनाकर मीरा ठाकुर की हत्या की घटना को अंजाम दिया.
जमीनी रंजिश के चलते मीरा ठाकुर की हुई हत्या. 10 फरवरी को हुई हत्या
जानकारी देते हुए एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि 10 फरवरी की शाम को कोतवाली थाना क्षेत्र के डैंपियर नगर में पूर्व सभासद मीरा ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके संबंध में थाना कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. पुलिस ने प्रयास करके इस घटना में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पुलिस और स्वाट की टीम लगातार दबिश दे रही है.
घटना का जो कारण समझ में आया है वह यह कि मीरा ठाकुर के लड़के की शादी रमेश तरकर की बेटी से हुई थी, जिसमें पिछले 8 साल से पारिवारिक विवाद चल रहा था. 10 दिन पहले इस घटना के मुख्य अभियुक्त दीवान सिंह को यह जानकारी हुई कि मीरा ठाकुर ने मेरी बहन से तलाक के लिए मुकदमा दायर कर रखा है. अब वह लोग मेरी बहन को छोड़ देंगे, यह सोचकर दीवान सिंह ने मीरा ठाकुर की हत्या की योजना बनाई. इनके बीच में चौमुंहा पर एक प्लॉट है, उसको लेकर भी विवाद चल रहा था, जो कि दीवान सिंह की बहन के नाम था. मीरा ठाकुर द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था कि वह प्लॉट वापस इनके नाम हो जाए. इस सबके चलते 5 साथियों के साथ मिलकर दीवान सिंह ने मीरा ठाकुर की हत्या कर दी. पुलिस ने इस घटना में प्रयुक्त दो अवैध असलहे और मोटरसाइकिल जो घटना में प्रयुक्त हुए थे, बरामद कर लिए हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल 10 फरवरी को कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत डैंपियर नगर में वृंदावन की कांग्रेस की पूर्व सभासद मीरा ठाकुर की दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उस समय मीरा ठाकुर वृंदावन से अपने ड्राइवर और एक अन्य महिला के साथ डैंपियर नगर में शॉपिंग करने के लिए आई हुई थीं. इसके बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. जांच में पुलिस ने पाया कि मीरा ठाकुर के लड़के के साले ने पारिवारिक रंजिश और जमीनी विवाद को लेकर अपने साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.