मथुरा: कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन का धरना प्रदर्शन दिल्ली में 14वें दिन भी जारी है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वहीं यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर जाम की स्थिति उत्पन्न है. ऐसे में वाहन चालकों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. ट्रक चालक जाम में कई दिनों से फंसे हैं. पेट की भूख मिटाने के लिए ट्रक में ही चालक खाना बना रहे हैं.
दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन
कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को 14वें दिन भी जारी है. एक ओर केंद्र सरकार के खिलाफ किसान हल्ला बोल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर जाम के चलते सैकड़ों की संख्या में वाहन फंसे हुए हैं. जाम खुलवाने को लेकर जिला प्रशासन को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. मथुरा के कोसीकला थाना क्षेत्र कोटवन स्थित यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर जाम के कारण भयानक स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई दिनों से वाहन जाम में फंसे हुए हैं. उधर आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. जिला प्रशासन को वाहनों को निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर लगा जाम. ट्रकों में खाना बना रहे ट्रक चालक
आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर जाम में कई दिनों से ट्रक चालक फंसे हुए हैं. पेट की भूख मिटाने के लिए ट्रकों में खाना बनाने को मजबूर हैं ट्रक चालक. राजमार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. यहां खाने-पीने की वस्तुएं उपलब्ध नहीं होने से मजबूरन ट्रक चालक अपने ट्रकों में ही खाना बना रहे हैं.
बॉर्डर पर जाम में खड़े वाहन. बॉर्डर पर सुरक्षा के इंतजाम
कोसीकला थाना क्षेत्र कोर्ट वन यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. समय-समय पर जाम में फंसे वाहनों को कुछ रियायत देते हुए वाहनों को जाम से निकलवाया जा रहा है. आगरा से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन और हरियाणा से यूपी की ओर आने वाले वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.
कई दिनों से आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर जाम में फंसे हुए हैं. हम बेंगलुरु से माल लेकर गुड़गांव आ जा रहे थे लेकिन रास्ते में मालूम पड़ा कि किसानों का दिल्ली में धरना प्रदर्शन जारी है. कई दिन हो चुके हैं, गाड़ी जाम में फंसी हुई है. पेट की भूख मिटाने के लिए मजबूर होकर ट्रक में खाना बना रहे हैं. आसपास में कोई ढाबा भी नहीं है, इसलिए ट्रकों में ही भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है.
-शत्रुघ्न यादव, ट्रक चालक